लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग की निष्पक्षता और बीजेपी से कथित ‘सांठगांठ’ पर सवाल उठा रहे हैं। राहुल ने अपने दावों के समर्थन में कुछ ‘सबूत’ भी पेश किए। अब इसी मुद्दे पर एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार का चौंकाने वाला बयान सामने आया है।
पवार का दावा है कि दो लोगों ने उनसे संपर्क कर 160 सीटें जिताने का भरोसा दिया और उन्हें ‘वोटों में हेरफेर’ की कथित योजना के बारे में बताया।
फडणवीस का पलटवार – “राहुल से मिले और कहानी याद आ गई”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पवार पर तीखा वार करते हुए कहा –“पवार साहब को ये बात राहुल गांधी से मिलने के बाद ही क्यों याद आई? इतने दिनों तक चुप रहे और अब अचानक बोल पड़े! क्या पवार साहब भी राहुल गांधी की तरह ‘सलीम-जावेद’ वाली कहानियां गढ़ने लगे हैं?”
फडणवीस ने याद दिलाया कि पवार पहले कई बार ईवीएम पर सवाल उठाने को गलत बता चुके हैं, लेकिन अब अचानक सुर बदलना राहुल गांधी से मुलाकात का असर लगता है।
उन्होंने कहा कि भारत में जितने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं, वैसा कहीं और नहीं होता।
“ये लोग सार्वजनिक मंच से आरोप लगाते हैं, लेकिन जब चुनाव आयोग बुलाता है तो हाजिर नहीं होते। राहुल गांधी हलफनामा देने से बच रहे हैं, जबकि उन्होंने संसद में शपथ ली है।”
रावसाहेब दानवे की सीधी चुनौती – “वो दो अधिकारी कौन हैं?”
बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने पवार को सीधा चैलेंज देते हुए कहा –
“विधानसभा चुनाव को छह महीने हो चुके हैं, लेकिन महाविकास अघाड़ी को अब भी नतीजे हज़म नहीं हो रहे। कभी ईवीएम, कभी वोटर लिस्ट, तो कभी आखिरी चरण में बढ़े वोट… अब यह चौथा आरोप आ गया।”
दानवे ने कहा कि पवार वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करेंगे,
“लेकिन अगर आपके पास सबूत हैं तो जनता के सामने लाएं और बताएं वो दो अधिकारी कौन हैं जिनका आप जिक्र कर रहे हैं।”
पृष्ठभूमि – आरोपों की लंबी फेहरिस्त
पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र की राजनीति में चुनाव प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि सत्ता पक्ष ने ईवीएम, वोटर लिस्ट और चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी की। वहीं बीजेपी इन आरोपों को हार न पच पाने का बहाना बता रही है और कह रही है कि अब राज्य का ध्यान केवल विकास कार्यों पर होना चाहिए, न कि बेबुनियाद दावों पर।