नई दिल्ली — कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने बताया है कि वे गुरुवार सुबह पुणे की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में वह अर्जी वापस लेकर जाएंगे, जिसमें दावा किया गया था कि राहुल की जान को खतरा है। पवार ने कहा कि यह निर्णय विधिक टीम के सभी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।
वकील ने बताया — क्यों वापस ले रहे हैं अर्जी
मिलिंद पवार ने मीडिया को बताया कि उन्होंने यह अर्जी इसलिए दायर की थी ताकि जब राहुल गांधी कोर्ट में हाजिर हों तो उन्हें उचित सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हालांकि, वकील पवार ने माना कि टीम के अन्य सदस्य इस स्टेज पर यह अर्जी दाखिल करना सही नहीं समझते — इसलिए पूरी टीम की सहमति से इसका फोरम भर वापस लिया जाएगा।
विवाद का कारण — बिना अनुमति दाखिल की गयी अर्जी
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी के वकील ने उनसे संपर्क या अनुमति लिए बिना ही अदालत में लिखित बयान दाखिल कर दिया था, जिसमें उनकी जान पर खतरे का हवाला दिया गया था। सुप्रिया ने कहा कि राहुल गांधी इस तरह की अर्जी पर असहमत हैं और इसलिए इसे वापस लिया जा रहा है।
अर्जी में क्या लिखा गया था
बुधवार को पुणे की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया था कि राहुल गांधी के विरुद्ध दिए गए कुछ बयानों और मौजूदा राजनीतिक माहौल के कारण उनकी सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। अर्जी में यह भी उल्लेख था कि शिकायतकर्ता कुछ ऐसे वंशज हैं जिनके परिवार का नाम नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे से जुड़ा रहा है। साथ ही अर्ज़ी में उन व्यक्तियों का भी जिक्र था — जिनके खिलाफ कथित धमकियों के दावे सामने आए थे, जिनमें रवनीत सिंह बिट्टू और तरविंदर सिंह मारवाह के नाम शामिल थे।
Shri Rahul Gandhi’s lawyer had filed a written statement (pursis) in the court citing threat to his life without Rahul ji’s consent.
Rahul Gandhi strongly disagrees with this.
The lawyer will withdraw this written statement from the court tomorrow.
Here is the statement👇 pic.twitter.com/rofriCyHO8
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) August 13, 2025
पृष्ठभूमि — सत्या की शिकायत का संदर्भ
रिपोर्टों के मुताबिक़, वी.डी. सावरकर के पोते सत्याकी सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ पुणे के कोर्ट में शिकायत दाखिल की थी — यही मामला सुरक्षा अर्जी दायर करने का कारण बताया गया।
आगे की प्रक्रिया
मिलिंद पवार ने कहा है कि अर्जी वापस करने के बाद भी विधिक टीम मामले में अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकती है और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर आवश्यक समन्वय बनाए रखेगी। कोर्ट में अर्जी की वापसी के बाद आगे की कानूनी रूपरेखा तथा किसी भी नई कार्रवाई के बारे में टीम या पार्टी की ओर से आवश्यक घोषणाएँ की जाएँगी।