Kumbh 2027: महाराष्ट्र के नासिक में वर्ष 2027 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इस ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी करने वाले जिले का प्रभारी मंत्री कौन होगा, इसको लेकर राज्य सरकार में स्पष्टता अब तक नहीं है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अब तक इस पद के लिए किसी एक मंत्री के नाम की घोषणा नहीं की है, जिससे सत्तारूढ़ महायुति (भाजपा-शिवसेना-राकांपा) में अंदरूनी खींचतान की स्थिति सामने आ रही है।
साधु-संतों और अधिकारियों के साथ हुई बैठक
रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में नासिक में एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें देशभर से आए साधु-संतों और प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में सिंहस्थ कुंभ 2027 के लिए अमृत स्नान और प्रमुख पर्वों की तिथियां तय की गईं, साथ ही आयोजन की पूर्व तैयारियों का विस्तृत खाका भी तैयार किया गया।
सीएम फडणवीस ने बताया कि कुंभ के प्रबंधन के लिए गिरीश महाजन (भाजपा), दादा भुसे (शिवसेना), छगन भुजबल और नरहरि जिरवाल (दोनों राकांपा) मिलकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रभारी मंत्री की नियुक्ति न होने के बावजूद प्रशासनिक कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा है।
‘यह धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, राजनीति न करें’
प्रभारी मंत्री के चयन को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम फडणवीस ने कहा, “प्रभारी मंत्री आते-जाते रहते हैं। इस मुद्दे में राजनीति न करें, यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, न कि कोई सियासी अखाड़ा।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार कुंभ के आयोजन को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और जल्द ही सभी आवश्यक निर्णय ले लिए जाएंगे।
महायुति में प्रभारी मंत्री को लेकर खींचतान जारी
दरअसल, नासिक और रायगढ़ जिलों के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति पर इस वर्ष की शुरुआत में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा रोक लगा दी गई थी। 18 जनवरी को जारी सूची में गिरीश महाजन को नासिक और अदिति तटकरे को रायगढ़ का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया था, लेकिन इसके तुरंत बाद 19 जनवरी को एक आदेश जारी कर इन नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई।
इस खींचतान का मुख्य कारण महायुति के घटकों — भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) के बीच प्रभारी पद को लेकर असहमति है। सूत्रों के अनुसार, नासिक की महत्वपूर्ण भूमिका और कुंभ जैसे बड़े आयोजन में राजनीतिक दखल को लेकर सभी दल इस पद पर दावा कर रहे हैं।
6,000 करोड़ रुपये की योजनाएं प्रस्तावित
मुख्यमंत्री ने बताया कि त्र्यंबकेश्वर और नासिक में होने वाले सिंहस्थ कुंभ को सुव्यवस्थित ढंग से आयोजित करने के लिए 4,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के टेंडर आमंत्रित किए गए हैं, जबकि 2,000 करोड़ रुपये की योजनाएं अभी पाइपलाइन में हैं। साथ ही गोदावरी नदी की निर्मलता और अविरल धारा बनाए रखने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
2027 का सिंहस्थ कुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान और प्रशासनिक दक्षता की परीक्षा भी होगा। जहां एक ओर तैयारी की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रभारी मंत्री को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन में चल रही रस्साकशी सरकार के इरादों पर सवाल भी खड़े कर रही है। ऐसे में देखना होगा कि आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस असमंजस को कैसे सुलझाते हैं।