न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के जोहरान ममदानी के मेयर चुने जाने की खबर ने जहां भारतीय समुदाय में गर्व और उत्साह की लहर दौड़ा दी है, वहीं इस खबर ने मुंबई की सियासत में एक नई जंग छेड़ दी है। मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव नज़दीक आते ही, बीजेपी ने इस मुद्दे को भुनाने में देर नहीं की और विपक्ष पर तीखा हमला बोल दिया।
बीजेपी का आरोप — “मुंबई का रंग बदलने की कोशिश”
मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम ने जोहरान ममदानी के नाम पर विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि “17 सितंबर को ही मैंने चेताया था कि मुंबई की पहचान बदलने की कोशिश हो रही है। महाविकास आघाड़ी ‘वोट जिहाद’ चला रही है। अगर कोई मुंबई पर ‘खान’ थोपने की कोशिश करेगा, तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
साटम ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में मालेगांव समेत कई इलाकों में वोट जिहाद देखने को मिला था, लेकिन इस बार बीजेपी ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि “अबू आजमी और वारिस पठान को ‘खान’ शब्द से परेशानी है, तो वे ‘वंदे मातरम’ का विरोध क्यों करते हैं?”
बीजेपी ने ऐलान किया है कि 7 नवंबर को मुंबईभर में, विशेषकर अबू आजमी के विधानसभा क्षेत्र में, ‘वंदे मातरम कार्यक्रम’ आयोजित किए जाएंगे।
विपक्ष का पलटवार — “बीजेपी के पास विकास का एजेंडा नहीं”
बीजेपी की इस बयानबाज़ी पर विपक्षी दलों ने करारा जवाब दिया है। AIMIM नेता वारिस पठान ने कहा, “बीजेपी हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रही है। उनके पास विकास का कोई एजेंडा नहीं बचा। मुंबई का मेयर खान, शेख या सैयद कोई भी बन सकता है — संविधान ने सबको बराबरी का अधिकार दिया है।”
वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू असीम आजमी ने कहा, “जोहरान ममदानी का मेयर बनना मिसाल है। अमेरिका में वोट काबिलियत देखकर दिया जाता है, धर्म देखकर नहीं। लेकिन भारत में बीजेपी धर्म के नाम पर समाज को बांट रही है। ऐसे बयानों पर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए।”
UBT और कांग्रेस का हमला — “धार्मिक ध्रुवीकरण की साज़िश”
उद्धव ठाकरे गुट (शिवसेना-UBT) ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है। पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा, “अमित साटम की क्या काबिलियत है? वे सिर्फ गाली-गलौज और नफ़रत की राजनीति करते हैं। बीजेपी के पास जनता के मुद्दे नहीं हैं, इसलिए धर्म का कार्ड खेल रही है।”
कांग्रेस ने भी बयान जारी कर कहा कि “बीजेपी मुंबई में धार्मिक ध्रुवीकरण के ज़रिए राजनीतिक फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रही है।”
बीएमसी चुनाव से पहले बढ़ी गरमी
दरअसल, बीएमसी चुनाव पर सभी दलों की निगाहें टिकी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मुंबई महानगरपालिका के चुनाव 31 जनवरी 2026 से पहले कराए जाएं। माना जा रहा है कि चुनाव की घोषणा अगले कुछ हफ्तों में हो सकती है।
लेकिन चुनावी बिगुल बजने से पहले ही ‘मेयर कौन बनेगा?’ का सवाल मुंबई की सियासत में एक बड़ा राजनीतिक और धार्मिक विमर्श बन चुका है। जहां एक ओर न्यूयॉर्क में एक भारतीय मूल के नेता का मेयर बनना गर्व का विषय बना, वहीं मुंबई में उसी बहाने पहचान, धर्म और राजनीति की नई जंग छिड़ गई है।














