Tuesday, July 1, 2025
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PM मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट संदेश दिया – भारत को मध्यस्थता मंजूर नहीं, न पहले कभी था, न आगे होगा

फोन पर 35 मिनट की बातचीत में ‘ऑपरेशन सिंदूर’, आतंकवाद और सीजफायर के मुद्दों पर भारत का सख्त पक्ष रखा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक अहम टेलीफोनिक बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने करीब 35 मिनट तक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और सुरक्षा मामलों पर चर्चा की। इस बातचीत में पीएम मोदी ने ट्रंप को दो टूक शब्दों में स्पष्ट कर दिया कि भारत ने कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है, न करता है और न ही भविष्य में करेगा।

ट्रंप के ‘मध्यस्थता’ के दावे पर पीएम मोदी का करारा जवाब

यह बातचीत ऐसे वक्त में हुई जब ट्रंप ने कई बार सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में उन्होंने मध्यस्थता की भूमिका निभाई थी। ट्रंप ने यह तक कहा था कि सीजफायर का श्रेय अमेरिका को जाता है।
इन बयानों को लेकर भारत में विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने तो यहां तक कह दिया था कि “प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के सामने सरेंडर कर दिया है।”

लेकिन पीएम मोदी की इस बातचीत ने न केवल ट्रंप के दावों को सीधे तौर पर खारिज किया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी कूटनीतिक और सैन्य नीति में पूरी तरह आत्मनिर्भर और निर्णायक है।


‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भी हुई चर्चा, आतंकवाद को बताया युद्ध का स्वरूप

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक सैन्य कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और यह स्पष्ट कर दिया कि अब भारत आतंकवाद को ‘प्रॉक्सी वॉर’ नहीं, सीधा युद्ध मानता है।

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की गोली का जवाब अब भारत गोले से देगा और यही कारण था कि पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा।


“भारत-अमेरिका ट्रेड डील या मध्यस्थता पर कोई बातचीत नहीं हुई” – मोदी

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि पूरे घटनाक्रम में कभी भी अमेरिका के साथ न तो ट्रेड डील को लेकर और न ही भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर कोई बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि भारत ने सदैव अपने द्विपक्षीय मुद्दों को स्वतंत्र रूप से और सख्त कूटनीतिक नीति के साथ सुलझाया है।


ट्रंप ने भारत के रुख को सराहा, आतंक के खिलाफ समर्थन दोहराया

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से प्रस्तुत सभी तथ्यों को गंभीरता से सुना और भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को पूर्ण समर्थन देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत की कार्रवाई को आत्मरक्षा का उचित कदम बताया।


G7 समिट में मुलाकात टली, फोन कॉल से हुई चर्चा

गौरतलब है कि मोदी और ट्रंप की मुलाकात कनाडा में आयोजित G7 समिट की साइडलाइंस पर होने वाली थी, लेकिन इज़राइल-ईरान तनाव के चलते ट्रंप को अमेरिका लौटना पड़ा, जिससे मुलाकात संभव नहीं हो सकी।
बाद में ट्रंप के आग्रह पर यह फोन कॉल हुई। इससे पहले 22 अप्रैल को ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन कर पहलगाम हमले पर संवेदना व्यक्त की थी, उसके बाद यह पहली बातचीत थी।


भारत ने पहले भी ट्रंप के दावों को खारिज किया था

डोनाल्ड ट्रंप ने पहले दावा किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर उनकी मध्यस्थता से संभव हुआ, लेकिन भारत ने हर बार यह कहकर उनके दावों को खारिज किया कि किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं है। विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय दोनों ने स्पष्ट किया कि भारत अपने निर्णय खुद लेता है, और सीमा पर किसी भी कार्रवाई का उत्तर भारत की नीति के अनुसार ही होता है।


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VIKAS TRIPATHI
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