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Budget 2025: नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अर्थशास्त्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें आगामी 2025-26 के बजट पर चर्चा की गई। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में अर्थशास्त्रियों ने इनकम टैक्स दरों को कम करने, सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाने और निर्यात को बढ़ावा देने जैसे कई सुझाव दिए।
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का विजन
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के अपने विजन का उल्लेख किया। विशेषज्ञों ने कृषि उत्पादकता में सुधार, कौशल विकास, और पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की गति बनाए रखने पर जोर दिया। ईटी ब्यूरो से जुड़ी जानकारी के मुताबिक, इस बार के बजट में रोजगार को प्राथमिकता दी जा सकती है।
वैश्विक अनिश्चितताओं में विकास पर चर्चा
बैठक का विषय था “वैश्विक अनिश्चितताओं के समय में भारत की विकास गति को बनाए रखना।” इसमें सुरजीत एस भल्ला, अशोक गुलाटी, और सुदीप्तो मुंडले जैसे अर्थशास्त्रियों ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने सभी वर्गों और सेक्टरों में समान विकास को प्राथमिकता देने की बात कही।
महंगाई और खपत पर चिंता
बैठक में बढ़ती महंगाई और खपत में गिरावट को लेकर अर्थशास्त्रियों ने अपनी चिंता व्यक्त की। महंगाई से घरेलू बजट प्रभावित हुआ है, जिससे खर्च और डिस्पोजेबल आय में कमी आई है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक व्यय बढ़ाने, कमजोर वर्गों को लक्षित योजनाओं का लाभ पहुंचाने और गैर-कृषि क्षेत्रों में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देने से खपत बढ़ाई जा सकती है।
सरकार की प्राथमिकता
बैठक में पीएम मोदी ने सभी सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना। यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार आगामी बजट में विकास और रोजगार को प्राथमिकता देकर देश की आर्थिक गति को मजबूत करने के कदम उठा सकती है।
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VIKAS TRIPATHI
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