गाजीपुर: पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को एमपी/एमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान धमकियों और कानूनी कार्रवाइयों पर खुलकर अपनी बात रखी। बार-बार मिल रही जान से मारने की धमकियों के बावजूद उन्होंने आत्मविश्वास से कहा, “मैं पाकिस्तान, मलेशिया और नेपाल के अपराधियों से डरने वाला नहीं हूं। जब मन हो, वे आ जाएं। मैं आम आदमी की तरह रहता हूं।”
धमकी का मामला:
लॉरेंस बिश्नोई का नाम सुनते ही बोले पप्पू यादव पप्पू यादव ने बताया कि उन्हें फोन कॉल्स और एसएमएस के जरिए लगातार धमकियां दी जा रही हैं। 18 नवंबर को पाकिस्तान के नंबर से उन्हें व्हाट्सएप कॉल आई आज मुझे कई बार वॉट्सएप एसएमएस आया है गाजीपुर आते ही फिर एसएमएस आया है मेरी रेकी की जा रही है। यादव ने कहा, “अगर मुझे मारना है, तो मारें, लेकिन परिवार को इसमें न घसीटें। सरकार को धमकियों की जांच करनी चाहिए।”
कोर्ट में पेशी और गैरजमानती वारंट
यह पेशी 1993 के एक मामले में हुई, जिसमें पप्पू यादव पर उत्तर प्रदेश में चुनावी सभाओं में गड़बड़ी फैलाने का आरोप था। बार-बार कोर्ट की पुकार के बावजूद पेश न होने पर 22 अक्तूबर को उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया था। 11 आरोपियों में से 10 पहले ही हाजिर हो चुके थे, लेकिन पप्पू यादव अनुपस्थित रहे, जिसके चलते अदालत ने मुहम्मदाबाद पुलिस को उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।मंगलवार को मुहम्मदाबाद पुलिस की अभिरक्षा में सांसद यादव को पेश किया गया। उनके वकीलों ने कोर्ट में उनकी स्थिति स्पष्ट की।”
धमकियों से डरने वाला नहीं, प्राथमिकता विकास है”
यादव ने संसद सत्र में इस मुद्दे को उठाने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता कोसी और सीमांचल का विकास है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना सिस्टम में बैठे लोगों की सहमति के इस प्रकार की धमकियां आना संभव नहीं है। “सिस्टम को मुझसे दिक्कत है, तो मुझे मरवा दें, ऐसी गीदड़ भभकी से डरने वाला नहीं हूं।
सुरक्षा घेरा और जनता का समर्थन
पेशी के दौरान उनके इर्द-गिर्द कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। साथ ही, बड़ी संख्या में युवा समर्थक अदालत परिसर में मौजूद रहे, जिन्होंने उनके प्रति समर्थन जताया।पप्पू यादव ने अंत में कहा, “मैं धमकियों से डरने वाला नहीं हूं। मेरी ताकत जनता है, और मैं उनके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करता रहूंगा।”