पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ की दुखद घटना पर ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को स्पष्ट किया कि घटना की प्रशासनिक जांच आगामी 30 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी। इस हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए थे।
कानून मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच का जिम्मा विकास आयुक्त अनु गर्ग को सौंपा गया है, जो तय समय-सीमा के भीतर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगी। हरिचंदन ने यह भी स्पष्ट किया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सभी घायलों की हालत स्थिर, अस्पताल से मिली छुट्टी
पुरी के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (CDMO) डॉ. किशोर सतपथी ने बताया कि सभी घायलों को रविवार रात 8 बजे तक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि सभी की हालत अब स्थिर है। मृतकों की पहचान पहले ही हो चुकी है और इस हादसे में कुल तीन श्रद्धालुओं की जान गई है।
इस्तीफे की मांग को लेकर उग्र हुआ प्रदर्शन
भगदड़ की घटना के बाद विपक्षी दल खासकर युवा कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कानून मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई, जब उन्होंने सुरक्षा बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की। कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
BJP अध्यक्ष ने जताया शोक, CM ने मांगी माफी
ओडिशा बीजेपी के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने घटना पर गहरा शोक जताया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि दोबारा ऐसी घटनाएं न हों। उन्होंने मुख्यमंत्री के त्वरित निर्णय का स्वागत किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी इस हादसे पर दुख जताते हुए श्रद्धालुओं से माफी मांगी और आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
यह हादसा श्रद्धा और व्यवस्था के संतुलन पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। रथ यात्रा जैसे विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन में भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए प्रशासनिक और सुरक्षा स्तर पर ठोस सुधार की आवश्यकता है।