नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने हाल ही में वैश्विक खुफिया प्रमुखों के एक उच्चस्तरीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक में भारत-अमेरिका खुफिया सूचना साझाकरण, वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने, और रणनीतिक भागीदारी को और मजबूत करने पर गहन चर्चा हुई।
खुफिया साझेदारी और वैश्विक सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, अजीत डोभाल और तुलसी गबार्ड की मुलाकात सकारात्मक रही, जहां दोनों पक्षों ने वैश्विक आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, मनी लॉन्ड्रिंग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती सुरक्षा चुनौतियों पर व्यापक चर्चा की। इसके अलावा, दोनों देशों ने खुफिया सूचनाओं के तेजी से आदान-प्रदान के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित करने पर भी सहमति जताई।
गबार्ड, जो ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में भारत दौरे पर आई थीं, ने भारत-अमेरिका संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर जोर दिया। यह यात्रा विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह अमेरिका के किसी शीर्ष खुफिया अधिकारी की भारत में पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी।
खालिस्तानी और भारत-विरोधी तत्वों पर भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
बैठक में ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, न्यूजीलैंड और कनाडा समेत कई मित्र देशों के खुफिया प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया। भारतीय पक्ष ने चर्चा के दौरान विदेशों में सक्रिय भारत-विरोधी तत्वों, विशेष रूप से खालिस्तानी संगठनों और उनकी संदिग्ध फंडिंग को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। भारत ने आतंकवाद को वित्तीय मदद देने वाले नेटवर्क और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसके अलावा, बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में जारी संघर्ष, प्रत्यर्पण संधियों और आव्रजन (इमिग्रेशन) से जुड़े मसलों पर भी चर्चा हुई। खुफिया प्रमुखों ने इन वैश्विक संकटों से निपटने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
भारत की मजबूत कूटनीति और वैश्विक सुरक्षा नेतृत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सम्मेलन भारत की बढ़ती कूटनीतिक और सुरक्षा नेतृत्व की भूमिका को दर्शाता है। अजीत डोभाल की अगुवाई में भारत वैश्विक सुरक्षा मामलों में निर्णायक भूमिका निभा रहा है और खुफिया साझाकरण के जरिए अपने रणनीतिक भागीदारों के साथ संबंध मजबूत कर रहा है।
बैठक के निष्कर्षों पर आधिकारिक बयान अभी जारी नहीं किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत-अमेरिका के बीच खुफिया सहयोग और वैश्विक सुरक्षा मामलों में समन्वय नए स्तर पर पहुंच चुका है।