कुवैत में ऑल पार्टी डेलीगेशन के दौरे के दौरान इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। कांग्रेस ने उनके बयान को निशाने पर लेते हुए कहा कि “देश में दुर्वचन, परदेस में प्रवचन” देने वाले इस नेता को दोहरे चरित्र का प्रतीक कहा जा सकता है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पर तीखा हमला करते हुए कहा, “दंगाई सोच रखने वाला ये व्यक्ति जब मुस्लिम देशों की मेहमाननवाज़ी लेने जाता है तो फिलिस्तीन का हिमायती बनता है। लेकिन जैसे ही देश लौटेगा, नफरत फैलाने वाले पुराने सुर में लौट आएगा। ऐसे दोहरे चरित्र वाले नेताओं द्वारा भारत का प्रतिनिधित्व करना अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारी छवि को नुकसान पहुंचाता है।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी निशिकांत दुबे पर निशाना साधते हुए उनके बयान को अवसरवादी और भ्रामक बताया।
निशिकांत दुबे का पलटवार: “क्या कांग्रेस को फिलिस्तीन और हमास में फर्क नहीं दिखता?”
सख्त प्रतिक्रिया में निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, “क्या कांग्रेस को फिलिस्तीन और हमास में कोई फर्क नहीं दिखता? जयराम रमेश जैसे नेता ने कांग्रेस की लुटिया डुबो दी है, उस पर अब सिर्फ तरस आता है।”
उन्होंने कहा कि भारत का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है — हम टू नेशन थ्योरी के पक्षधर हैं और इजराइल-फिलिस्तीन को दो अलग राष्ट्र मानते हैं।
भारत की फिलिस्तीन के प्रति प्रतिबद्धता पर दिया जोर
बीजेपी सांसद ने यह भी कहा, “भारत पहला देश था जिसने 1974 में पीएलओ को मान्यता दी और 1988 में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में। आज भी हम फिलिस्तीन के लोगों को राशन और मानवीय सहायता भेज रहे हैं। कोविड के दौरान वैक्सीन तक भेजी गई। मोदी सरकार ने 2022-24 तक हर साल बजट में फिलिस्तीन के लिए 39 मिलियन डॉलर की सहायता रखी है।”
इजराइल पर भी की टिप्पणी
दुबे ने इजराइल को लेकर कहा, “इजराइल एक ऐसा देश है जो किसी की नहीं सुनता। उसका दृष्टिकोण एकतरफा है, लेकिन भारत हमेशा दोनों पक्षों को मान्यता देता आया है।”
उल्लेखनीय है कि यह डेलीगेशन बीजेपी नेता बैजयंत पांडा के नेतृत्व में कुवैत गया था, जिसमें निशिकांत दुबे भी शामिल थे।