वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राज्यसभा में विपक्ष, खासकर कांग्रेस और टीएमसी पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो लोग ‘अच्छे दिन’ पर सवाल उठा रहे हैं, वे खुद उन पार्टियों से हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े नारे तो दिए लेकिन जनता के लिए कुछ नहीं किया।
राज्यसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा — “अच्छे दिन उन लोगों के लिए नहीं आएंगे, जिनके लिए शासन का मतलब भ्रष्टाचार है।” उन्होंने कांग्रेस और टीएमसी पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्हें जनता के हित से कोई लेना-देना नहीं, वही आज ‘अच्छे दिन’ पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
‘मां माटी मानुष’ का नारा देने वालों पर कटाक्ष
सीतारमण ने टीएमसी सांसदों की टिप्पणियों पर भी पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग ‘मां माटी मानुष’ का नारा देकर सत्ता में आए, उन्होंने न तो माटी का ख्याल रखा, न मानुष का। पश्चिम बंगाल में ‘कट मनी कल्चर’ ने जनता के हक की योजनाओं को बीच रास्ते में ही लूट लिया। ऐसे लोग आज अच्छे दिन की बात कर रहे हैं, ये खुद में सबसे बड़ा मजाक है।
‘जनता से पूछें, किसे लाभ मिला’
वित्त मंत्री ने दो टूक कहा कि मोदी सरकार के लिए ‘अच्छे दिन’ का मतलब सत्ता में रहकर जनता की सेवा करना है। उन्होंने विपक्ष से कहा कि वो उन करोड़ों गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं से जाकर पूछें, जिन्हें सरकार की योजनाओं से सीधा लाभ मिला है।
कांग्रेस को नहीं मिली आलोचना की वजह
सीतारमण ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की टिप्पणी पर भी पलटवार किया। चिदंबरम ने कहा था कि बजट को कोई याद नहीं रखता। इस पर वित्त मंत्री ने तंज कसा — “इस बार कांग्रेस को बजट में ऐसा कुछ नहीं मिला जिसकी आलोचना कर सके। जो पार्टी 70 साल सत्ता में रही, वो आज बजट की आलोचना के लिए मुद्दा ढूंढने में असमर्थ है।”
सीतारमण ने कहा कि 2025-26 के लिए पेश बजट जनता के लिए है, न कि सियासी आरोप-प्रत्यारोप के लिए। विपक्षी दल सिर्फ शोर मचाकर जनता को गुमराह करना चाहते हैं, जबकि केंद्र सरकार विकास और जनसेवा में जुटी है।














