नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मणिपुर में हालिया हिंसा से जुड़े तीन प्रमुख मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली है। इन घटनाओं में जानमाल का नुकसान और सार्वजनिक व्यवस्था में भारी व्यवधान देखा गया, जिसके बाद गृह मंत्रालय (MHA) के निर्देश पर मणिपुर पुलिस से ये केस एनआईए को सौंपे गए।
किन मामलों की जांच कर रही है एनआईए?
इन तीन मामलों में शामिल है:
- जिरीबाम में गोलीबारी: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और कुकी उग्रवादियों के बीच जिरीबाम क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में कम से कम 10 कुकी उग्रवादी मारे गए थे।
- अपहरण और हत्या का मामला: जिरीबाम में छह लोगों का अपहरण कर लिया गया था, जिनके शव बाद में बरामद किए गए। एनआईए ने इस मामले में अलग से केस दर्ज कर लिया है।
- सामाजिक अशांति: हिंसात्मक गतिविधियों ने मणिपुर की शांति और सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित किया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
गृह मंत्रालय का कड़ा कदम
गृह मंत्रालय ने बढ़ती हिंसा को देखते हुए मणिपुर पुलिस से मामले हटाकर एनआईए को सौंपने का फैसला किया, ताकि इनकी प्रभावी जांच हो सके। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि, “महत्वपूर्ण मामलों को एनआईए को सौंपा गया है, ताकि जांच में तेजी लाई जा सके।”
हालिया हिंसा में कुकी-जो-हमार और मैतेई समुदायों के सशस्त्र असामाजिक तत्व शामिल थे, जिससे जानमाल का भारी नुकसान हुआ और सार्वजनिक व्यवस्था बाधित हुई। इसके बाद गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती
मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गृह मंत्रालय ने 2,000 अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) जवानों की तैनाती का आदेश दिया है। यदि आवश्यकता पड़ी, तो और भी कंपनियां भेजी जाएंगी।
अमित शाह की उच्चस्तरीय बैठक
मणिपुर की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नई दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। उन्होंने मणिपुर में सुरक्षा हालात का जायजा लिया और आज एक और उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
गृह मंत्रालय ने जनता से शांति बनाए रखने, अफवाहों पर ध्यान न देने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों का सहयोग करने की अपील की है।
मणिपुर में हिंसा के बढ़ते मामलों के बीच एनआईए की जांच से उम्मीद है कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी और राज्य में जल्द ही शांति बहाल की जा सकेगी।
VIKAS TRIPATHI
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