नई दिल्ली|विकास त्रिपाठी: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी दलीलें पूरी कर ली हैं। एजेंसी ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह महज एक “कागजी कंपनी” है, जिसे एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों पर कब्जा करने के इरादे से विशेष उद्देश्य के तहत बनाया गया था।
ईडी के अनुसार, इस कंपनी का अंतिम नियंत्रण और लाभ कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास ही था। शुक्रवार को अदालत में गांधी परिवार की ओर से जवाबी दलीलें पेश की जाएंगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे का समय निर्धारित किया है।
ईडी का आरोप: AJL की संपत्तियों पर कब्जे की थी साजिश
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया कि यंग इंडियन को एक Special Purpose Vehicle (SPV) की तरह इस्तेमाल किया गया, जिसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देना था। ईडी का कहना है कि इस पूरी योजना का उद्देश्य AJL की हजारों करोड़ की संपत्तियों को हड़पना था।
ईडी ने अपने पक्ष में कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी की भूमिका इस घोटाले में बेहद अहम है। उन्होंने जांच में अपेक्षित सहयोग नहीं किया और हर सवाल का जवाब मोतीलाल वोरा के सिर मढ़ दिया।
राहुल और सोनिया से घंटों पूछताछ, जांच में सहयोग नहीं का आरोप
गौरतलब है कि इस केस में जून 2022 में राहुल गांधी से पांच दिनों में कुल 50 घंटे से अधिक पूछताछ की गई थी। वहीं सोनिया गांधी से 21 जुलाई 2022 को तीन दिनों में लगभग 12 घंटे सवाल-जवाब हुए थे। ईडी का कहना है कि गांधी परिवार ने इस दौरान जांच में असहयोग किया।
क्या कांग्रेस भी जांच के घेरे में?
बुधवार को हुई सुनवाई में ईडी ने यह भी कहा कि इस मामले में कांग्रेस पार्टी की भूमिका की भी जांच की जा सकती है। एजेंसी ने कहा कि गांधी परिवार की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि वे जिम्मेदारी को एक दिवंगत नेता पर डालने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि पूरे लेन-देन की जानकारी उनके पास थी।
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस अब एक निर्णायक मोड़ पर है। ईडी ने अपनी कानूनी रणनीति में गांधी परिवार को सीधे निशाने पर लेते हुए इस पूरे मामले को “राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितता” बताया है। अब सभी की निगाहें शुक्रवार की सुनवाई पर टिकी हैं, जब सोनिया और राहुल गांधी की ओर से अदालत में अपना पक्ष रखा जाएगा।