
वयोवृद्ध अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं पा रहे हैं। अभिनेता का कहना है कि उन्हें इस बात का आश्चर्य है कि कोलकाता की गलियों से आया एक लड़का इतनी बड़ी पहचान हासिल कर सकता है।
उन्होंने ANI से कहा, “मेरे पास अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कोई भाषा नहीं है। ना मैं हंस सकता हूं, ना ही खुशी में रो सकता हूं।”
मिथुन ने आगे कहा, “मैं कोलकाता की तंग गलियों से आता हूं, फुटपाथों से उठा हूं। ऐसे स्थान से आने वाला एक लड़का इतना बड़ा सम्मान प्राप्त करेगा, ये मैंने कभी सोचा भी नहीं था। मैं बेहद खुश हूं। मैं यह पुरस्कार अपने परिवार और दुनियाभर के अपने प्रशंसकों को समर्पित करता हूं।”
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 30 सितंबर को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मिथुन चक्रवर्ती के लिए इस बड़े सम्मान की घोषणा की। उन्होंने लिखा, “मिथुन दा की अद्वितीय फिल्मी यात्रा पीढ़ियों को प्रेरित करती है! यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि दादा साहेब फाल्के चयन समिति ने भारतीय सिनेमा में उनके ऐतिहासिक योगदान के लिए उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है।”
74 वर्षीय अभिनेता को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 8 अक्टूबर 2024 को होने वाले 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।
चार दशकों के अपने करियर में मिथुन ने कई बेहतरीन भूमिकाएं निभाईं। अपनी पहली फिल्म मृगया के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, जिसका निर्देशन मृणाल सेन ने किया था। 1980 से 1990 के बीच मिथुन ने कई हिट फिल्मों में काम किया और अपनी खास डांस शैली के चलते “डिस्को डांसर” के नाम से मशहूर हो गए।