अहमदाबाद | 14 जून 2025 — अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे के दो दिन बाद हादसे से जुड़े भयावह क्षणों का एक ऑडियो क्लिप सामने आया है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस ऑडियो में पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल की एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को दी गई अंतिम चेतावनी रिकॉर्ड है, जिसमें वे घबराए स्वर में कहते हैं:
“मेडे… मेडे… नो पावर… नो थ्रस्ट… गोइंग डाउन…”
यह संदेश उस विनाशकारी क्षण से कुछ ही सेकंड पहले भेजा गया था, जब एयर इंडिया फ्लाइट AI-171, टेकऑफ़ के तुरंत बाद बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारत से टकरा गई। इस दुर्घटना में अब तक 270 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 241 यात्री, 12 क्रू मेंबर, और जमीन पर मौजूद स्थानीय निवासी व मेडिकल छात्र शामिल हैं। मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी थे।
दुर्घटना का दृश्य: 30 सेकंड की त्रासदी
विमान ने 12 जून की सुबह लंदन के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ के महज 30 सेकंड बाद वह अचानक ऊंचाई खो बैठा और रिहायशी इलाके में जा टकराया। टक्कर के बाद विमान में भीषण आग लग गई और आसपास का इलाका काले धुएं से ढक गया। घटनास्थल पर चीख-पुकार और दहशत का मंजर था। स्थानीय लोगों और राहत दलों ने मिलकर बचाव अभियान शुरू किया।
एकमात्र जीवित बचे यात्री की हालत स्थिर
हादसे में एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति हैं लंदन निवासी विश्वास कुमार रमेश, जो सीट 11A पर बैठे थे। वे दुर्घटनास्थल से एक टूटी खिड़की के जरिए निकलने में सफल रहे। उन्हें हल्की चोटें और जलन हुई, लेकिन अब उनकी हालत स्थिर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं अस्पताल जाकर उनसे मिले और उनका हाल जाना।
ब्लैक बॉक्स बरामद, जांच तेज
जांच एजेंसियों ने विमान का एक ब्लैक बॉक्स और एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) बरामद कर लिया है, जबकि दूसरा ब्लैक बॉक्स अभी भी तलाशा जा रहा है। NIA, DGCA, AAIB, और Boeing के तकनीकी विशेषज्ञ मौके पर जांच में जुटे हैं। ब्लैक बॉक्स में दर्ज डेटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से हादसे की असली वजहों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
सरकार ने उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई
हादसे की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। यह समिति:
हादसे के वास्तविक कारणों की जांच करेगी,
मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) की समीक्षा करेगी,
और DGCA और एयरलाइंस की सुरक्षा नीतियों का मूल्यांकन करेगी।
बोइंग 787 बेड़े की व्यापक जांच शुरू
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने जानकारी दी कि इस त्रासदी के बाद बोइंग 787 विमानों की सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाए गए हैं। भारत में संचालित सभी 34 बोइंग 787 विमानों की गहन तकनीकी जांच का आदेश दिया गया है, जिनमें से 9 की जांच पूरी हो चुकी है, बाकी पर कार्य जारी है।
शोक की लहर और अंतिम संस्कार की तैयारियाँ
सरकार ने मृतकों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण शुरू किया है और परीक्षणों की पुष्टि के बाद शव परिजनों को सौंपे जा रहे हैं। अहमदाबाद नगर निगम और दमकल विभाग ने 24 घंटे के भीतर घटनास्थल से कई शवों और शरीर के अंगों को बरामद किया है।
टाटा समूह का मानवीय कदम
विमान की स्वामी कंपनी एयर इंडिया के स्वामित्व वाली टाटा समूह ने मृतकों के परिजनों को ₹1 करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, घायलों का संपूर्ण इलाज भी टाटा समूह द्वारा करवाया जा रहा है।
अहमदाबाद का यह हादसा न सिर्फ तकनीकी विफलता का एक काला अध्याय है, बल्कि प्रशासनिक, मानवीय और नैतिक मोर्चों पर कई सवाल भी खड़े करता है। क्या यह एक तकनीकी चूक थी? क्या पायलट के पास पर्याप्त रिएक्शन समय था? क्या एयर ट्रैफिक कंट्रोल से कोई त्रुटि हुई?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर आने वाले दिनों में जांच रिपोर्ट के माध्यम से मिलेंगे, लेकिन इतना तय है कि इस हादसे ने सैकड़ों परिवारों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी है।