
मुंबई – छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार को उस समय राजनीतिक हलचल तेज हो गई जब इंडिगो एयरलाइंस द्वारा तुर्किए से लीज पर लिए गए दो विमानों के साथ पहुंचे तुर्किए स्टाफ को लेकर शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने तुर्किए की मौजूदगी को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया और एयरलाइंस को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया कि यदि यह करार रद्द नहीं किया गया तो राज्यभर में उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
क्या है मामला?
इंडिगो एयरलाइंस ने तुर्किए की टर्किश एयरलाइंस से दो बोइंग 777 विमान लीज पर लिए हैं, जिनका उपयोग भारत से इस्तांबुल के लिए सीधी उड़ानों में किया जा रहा है। इन विमानों में 500 से अधिक यात्री सीटें हैं। इन विमानों के साथ तुर्किए के तकनीकी और फ्लाइट स्टाफ भी मुंबई पहुंचे हैं, जिससे यह विवाद और गहराता जा रहा है।
शिवसेना का विरोध और चेतावनी
शिवसेना (शिंदे गुट) का कहना है कि तुर्किए द्वारा पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को खुला समर्थन और भारत पर किए गए ड्रोन हमलों के चलते तुर्किए के साथ किसी भी प्रकार का व्यावसायिक सहयोग भारत की सुरक्षा के साथ समझौता है। पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल इंडिगो के अधिकारियों से मिला और कड़ा विरोध पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि यदि 10 दिन के भीतर यह समझौता रद्द नहीं हुआ तो पूरे महाराष्ट्र में राजनीतिक और जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
तुर्किए निर्मित ड्रोन से हुआ था भारत पर हमला
गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद देशभर में तुर्किए के खिलाफ आक्रोश भड़क उठा था। हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान व पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने तुर्किए में बने SONGAR और ASISGUARD ड्रोन से भारत पर हमला किया, जो नाकाम रहा।
तुर्किए का देशभर में बहिष्कार
इस घटनाक्रम के बाद पूरे देश में तुर्किए निर्मित उत्पादों और सेवाओं का बहिष्कार शुरू हो गया है। ट्रैवल एजेंसियों ने तुर्किए की ओर होने वाली बुकिंग्स को रद्द करना शुरू कर दिया है, जिससे उसे प्रत्येक दिन करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। भारतीय टूरिस्ट अब तुर्किए के बजाय अन्य विकल्पों को चुन रहे हैं।
इंडिगो की चुप्पी
विवाद के बढ़ने के बावजूद इंडिगो एयरलाइंस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन जिस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा और जनभावनाएं इस मुद्दे से जुड़ गई हैं, उससे एयरलाइंस पर काफी दबाव बढ़ता जा रहा है।
तुर्किए के साथ भारत के बिगड़ते संबंधों और आतंकी गतिविधियों में उसकी भूमिका के मद्देनज़र, इंडिगो एयरलाइंस द्वारा तुर्किए से लीज पर विमान लेना न केवल एक आर्थिक सौदा है, बल्कि यह एक राजनीतिक और कूटनीतिक विवाद में बदलता जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि एयरलाइंस जनता की भावना को तवज्जो देती है या आर्थिक हितों को।

VIKAS TRIPATHI
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