नई दिल्ली/ओटावा – भारत में अपने आपराधिक नेटवर्क के लिए कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग अब अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के निशाने पर आ गया है। कनाडा के अल्बर्टा और ब्रिटिश कोलंबिया प्रांतों ने इस गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग केंद्र सरकार से की है, जिससे इसपर कार्रवाई और तेज़ और प्रभावी की जा सके।
कनाडा में बिश्नोई गैंग पर सख्ती की तैयारी
अल्बर्टा की प्रीमियर डेनिएल स्मिथ और पब्लिक सेफ्टी व इमरजेंसी सर्विसेज मंत्री माइक एलिस ने सोमवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा:“लॉरेंस बिश्नोई गैंग एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक सिंडिकेट है, जो न केवल भारत बल्कि कनाडा के अल्बर्टा, ओंटारियो और ब्रिटिश कोलंबिया में भी जबरन वसूली, ड्रग तस्करी, धमकियों और लक्षित हत्याओं जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। इसकी गतिविधियों से देश की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।”
उन्होंने कहा कि इस गिरोह को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने से सुरक्षा एजेंसियों को विशेष कानूनी अधिकार मिलेंगे, जिससे गिरोह के सदस्यों और सहयोगियों पर कठोर कार्रवाई की जा सकेगी।
पहले भी उठ चुकी है मांग
ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी ने भी जून 2025 में फेडरल गवर्नमेंट (ओटावा) से इस दिशा में कदम उठाने की मांग की थी। अब अल्बर्टा की सरकार ने भी इस मुहिम को और मज़बूती दी है, जिससे संभावना है कि जल्द ही बिश्नोई गिरोह को कनाडा में आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया जाए।
कितना खतरनाक है लॉरेंस बिश्नोई गैंग?
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह भारत का सबसे बड़ा और सबसे संगठित आपराधिक नेटवर्क माना जाता है। इसके निशाने पर राजनीतिक हस्तियों, व्यापारियों और कलाकारों तक को देखा गया है — गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या इस गिरोह से ही जोड़ी गई थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार, इस गिरोह के पास 700 से अधिक प्रशिक्षित शूटर हैं।
इसके नेटवर्क में हथियार तस्करी, ड्रग डीलिंग, जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
यह गिरोह कनाडा और अमेरिका में बसे भारतीय मूल के लोगों से जबरन वसूली और धमकी जैसी गतिविधियों के जरिए लाखों डॉलर की अवैध कमाई करता है।
वैश्विक नेटवर्क, वैश्विक कार्रवाई की मांग
अब जब लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियाँ भारत से बाहर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल चुकी हैं, तो इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने की वैश्विक मांग जोर पकड़ रही है। भारत में पहले ही इस गिरोह के खिलाफ UAPA और PMLA जैसी सख्त धाराओं में कार्रवाई जारी है।
अगर कनाडा सरकार इसे आतंकवादी संगठन घोषित करती है, तो यह भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी और इस नेटवर्क की फंडिंग और ऑपरेशन्स पर तगड़ा असर पड़ेगा।