
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के सनसनीखेज मामले में न्याय की राह अब भी कठिन बनी हुई है। इस जघन्य अपराध के बाद पीड़िता के माता-पिता को अपनी बेटी का मृत्यु प्रमाण पत्र पाने में सात महीने तक संघर्ष करना पड़ा। आखिरकार, स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने उनके घर जाकर यह प्रमाण पत्र सौंपा, लेकिन परिवार का आरोप है कि जांच में कई अहम सच्चाइयों को दबाया गया है।
सात महीने की जद्दोजहद के बाद मिला मृत्यु प्रमाण पत्र
9 अगस्त को मेडिकल छात्रा की हत्या के बाद से ही उसका परिवार मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा था। पिता ने बताया,
“हम सितंबर से प्रयास कर रहे थे। 31 जनवरी को मैंने आवेदन दिया था, फिर कभी स्वास्थ्य भवन, कभी नगर कार्यालय और कभी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के चक्कर लगाने पड़े। हमने बार-बार फरियाद की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।”
आखिरकार, स्वास्थ्य सचिव खुद परिवार के घर आए और प्रमाण पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि भविष्य में यदि किसी और प्रति की जरूरत होगी, तो मेडिकल सुपरिटेंडेंट (MSVP) उसे उपलब्ध कराएंगे।
“बेटी के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटकना किसी पिता के लिए कितना कठिन है, इसे सिर्फ वही समझ सकता है”
पीड़िता के पिता ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा,
“एक पिता के लिए यह कितना दर्दनाक होता है कि उसे अपनी ही बेटी की मृत्यु का प्रमाण पत्र पाने के लिए दर-दर भटकना पड़े। हमने इसे पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी, लेकिन अभी तक इस बात का कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला कि इसमें इतना वक्त क्यों लगा?”
हत्या का मामला और पीड़ित परिवार की न्याय की मांग
9 अगस्त को ड्यूटी पर तैनात मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों ने लंबी भूख हड़ताल और काम बंद आंदोलन किया।
निचली अदालत ने मुख्य आरोपी सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लेकिन पीड़ित परिवार का दावा है कि इस अपराध में और भी लोग शामिल थे, जिन्हें अभी तक सजा नहीं मिली।
परिवार की लड़ाई जारी, अन्य दोषियों की गिरफ्तारी की मांग
पीड़िता के माता-पिता ने साफ कहा है कि वे इस लड़ाई को यहीं खत्म नहीं करेंगे। उनका आरोप है कि पूरी जांच को एक खास दिशा में मोड़ने की कोशिश की गई और कई महत्वपूर्ण तथ्य छुपाए गए।
ममता बनर्जी ने विधानसभा में किया जिक्र
इस मामले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी विधानसभा में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“हम चाहते हैं कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में शिकायत करने वाली लड़की को न्याय मिले। जो भी दोषी है, उसे कानून के कठघरे में लाया जाएगा।”
अब देखना यह होगा कि क्या पीड़िता के परिवार को उनकी बेटी के लिए पूरा न्याय मिलेगा, या फिर यह मामला भी अन्य लंबित केसों की तरह समय की धुंध में गुम हो जाएगा।