
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर के साथ हुए बर्बर रेप और हत्या के बाद देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच, गुरुवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट में केस की टाइमलाइन और जांच के दौरान उठाए गए कदमों का ब्यौरा पेश किया।
31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए इस जघन्य अपराध की जांच में CBI के सामने आई चौंकाने वाली जानकारी देशभर में सनसनी फैला रही है, जिससे पहले की जांच में कई खामियां उजागर हो रही हैं।
कोलकाता डॉक्टर रेप केस की पूरी टाइमलाइन:
9 अगस्त को पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक डॉक्टर ने प्रशिक्षु डॉक्टर का शव अर्धनग्न अवस्था में पाया। कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें पहले पुलिस और कॉलेज प्रशासन ने इसे आत्महत्या का मामला बताया।
9 अगस्त:
- सुबह 9:30 बजे, एक पहले वर्ष के पीजी प्रशिक्षु ने डॉक्टर का शव देखा और तुरंत अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ डॉक्टरों को इसकी सूचना दी।
- 10:10 बजे, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक पुलिस चौकी ने इस घटना की जानकारी ताला पुलिस स्टेशन को दी। पीड़िता को अचेतावस्था में “अर्धनग्न” हालत में एक लकड़ी के प्लेटफार्म पर पाया गया।
- 10:30 बजे, पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और क्राइम सीन को सील कर दिया।
- 11-11:30 बजे के बीच, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, एक डिटेक्टिव, फोरेंसिक विशेषज्ञ, फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर मौके पर पहुंचे। बाद में, असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ने पीड़िता के परिवार को बुलाया।
- 12:44 बजे, अस्पताल के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट मौके पर पहुंचे और पुलिस ने क्राइम सीन की वीडियो रिकॉर्डिंग पूरी की। डॉक्टर ने पीड़िता को मृत घोषित कर दिया।
- 1:00 बजे, पीड़िता के माता-पिता अस्पताल पहुंचे।
- 1:47 बजे, डॉक्टरों ने मेडिकल सर्टिफिकेट और डेथ सर्टिफिकेट पुलिस को सौंपा। बाद में पुलिस ने शव पर चोटों और निजी अंगों पर निशान देखे और अप्राकृतिक मृत्यु का मामला दर्ज किया।
- 4:00 बजे, न्यायिक मजिस्ट्रेट अस्पताल पहुंचे और पीड़िता के परिवार और सहकर्मियों की उपस्थिति में शव का निरीक्षण किया।
- 6:10 बजे से 7:10 बजे तक फोरेंसिक डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम किया।
- 8:00 बजे, पुलिस ने क्राइम सीन का 3डी मैपिंग किया।
- रात में, पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने शव परिवार को सौंप दिया।
- 11:45 बजे, पीड़िता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज की।
10 अगस्त:
कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि डॉक्टर की हत्या यौन उत्पीड़न के बाद की गई थी।
11 अगस्त:
राज्य सरकार ने अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट को लापरवाही के आरोप में हटा दिया।
12 अगस्त:
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर संदीप घोष ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन चार घंटे बाद उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल के रूप में फिर से बहाल कर दिया गया।
13 अगस्त:
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और पूर्व आरजी कर प्रिंसिपल को लंबी छुट्टी पर भेज दिया। CBI ने कोलकाता पुलिस से जांच की जिम्मेदारी संभाली और आरोपी को हिरासत में लिया।
15 अगस्त:
अनजान लोगों के एक समूह ने रातभर जारी डॉक्टरों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन में बाधा डाली।
17 अगस्त:
भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की और एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया।
18-20 अगस्त:
देशभर में दोषियों के लिए फांसी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रहे, जिससे कई राज्यों में मरीजों को डॉक्टरों की हड़ताल का सामना करना पड़ा।
20 अगस्त:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने डॉक्टरों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया।
22 अगस्त:
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस की कार्यवाही में देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने पूछा, “9 अगस्त को 6:10 बजे पोस्टमॉर्टम के बावजूद अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना ताला पुलिस स्टेशन को 11:30 बजे क्यों दी गई? यह बेहद चिंताजनक है।”