
Eknath Shinde Takes Oath As Deputy CM: महाराष्ट्र में भले ही गुरुवार (5 दिसंबर) को देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति सरकार का गठन हो गया हो, लेकिन असली लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय पर अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं, लेकिन बीजेपी इसे देने के मूड में नहीं है।
गृह मंत्रालय पर अड़ा शिंदे गुट
शपथ ग्रहण से ठीक पहले तक यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम पद स्वीकार करेंगे या नहीं। अंततः उन्होंने फडणवीस और अजित पवार के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ ली, लेकिन उनकी असली मांग अब गृह मंत्रालय है। शिवसेना का तर्क है कि जब शिंदे मुख्यमंत्री थे, तब गृह विभाग फडणवीस के पास था। अब जब शिंदे डिप्टी सीएम हैं, तो गृह मंत्रालय उन्हें मिलना चाहिए।
अजित पवार के विभागों पर भी शिंदे की नजर
सूत्रों की मानें तो शिंदे गुट की नजर एनसीपी नेता अजित पवार के कुछ अहम मंत्रालयों पर भी है। अजित पवार ने भी एनसीपी के लिए बड़े मंत्रालयों की मांग रखी है, जिस पर आने वाले दिनों में फैसला होना बाकी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी इन मांगों को मानती है या शिंदे की नाराजगी का खतरा मोल लेती है।
फडणवीस-शिंदे ने राज्यपाल से किया सरकार गठन का दावा
सरकार गठन से पहले बुधवार (4 दिसंबर) को देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन से मिलकर सरकार बनाने का औपचारिक दावा पेश किया था। हालांकि, इस दौरान शिंदे की स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर ठाणे लौटने की खबर ने महायुति में आंतरिक कलह की अटकलों को हवा दी।
महायुति की प्रचंड जीत, लेकिन चुनौतियां बरकरार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (23 नवंबर) में महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। बीजेपी ने 132 सीटों के साथ अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जबकि शिवसेना को 57 सीटें मिलीं। हालांकि, सत्ता में हिस्सेदारी और मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर जारी रस्साकशी बताती है कि महायुति सरकार के लिए आगे की राह आसान नहीं होगी।
अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या बीजेपी शिंदे और अजित पवार के बीच संतुलन साधने में सफल होगी या महायुति के भीतर की खींचतान से सरकार को नई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।