Tuesday, July 1, 2025
Your Dream Technologies
Home Keralaनिर्वस्त्र अवस्था में महिला की मौत: हाईकोर्ट ने पति की उम्रकैद की...

निर्वस्त्र अवस्था में महिला की मौत: हाईकोर्ट ने पति की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

 Kerala high court: केरल हाईकोर्ट ने एक चर्चित मामले में अहम फैसला सुनाया है। यह मामला एक महिला की संदिग्ध मौत से जुड़ा है, जो निर्वस्त्र अवस्था में छत के हुक से लटकी हुई पाई गई थी। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला बताया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इस संभावना को खारिज करते हुए इसे हत्या करार दिया है। कोर्ट ने कहा, “कोई भारतीय महिला निर्वस्त्र होकर आत्महत्या नहीं करेगी।”

इस केस में महिला के पति को दोषी ठहराते हुए आईपीसी की धारा 302 के तहत दी गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा गया है।


क्या है पूरा मामला?

यह मामला केरल के एक लॉज का है, जहां एक महिला की निर्वस्त्र अवस्था में लटकती हुई लाश मिली थी। घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और महिला के पति को मुख्य आरोपी बनाया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, आरोपी पति अपनी पत्नी की पवित्रता पर शक करता था और उसने इसी शक के चलते उसकी हत्या कर दी।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी महिला और उनकी नाबालिग बेटी को गुप्त रूप से लॉज में लेकर गया था। आखिरी बार मृतका को पति और बेटी के साथ लॉज में देखा गया था। इसके बाद महिला की लाश छत पर लटकी हुई मिली।


कोर्ट ने क्या कहा?

केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पी.बी. सुरेश कुमार और जस्टिस सी. प्रतीप कुमार की बेंच ने इस मामले में पुलिस सर्जन के सबूतों पर भरोसा करते हुए कहा,
“आमतौर पर कोई महिला निर्वस्त्र अवस्था में आत्महत्या नहीं करती, जब तक कि वह मानसिक रूप से अस्थिर न हो।”
इस बयान के आधार पर कोर्ट ने आत्महत्या की संभावना को खारिज कर दिया।


आरोपी की दलीलें

आरोपी के वकील ने अदालत में कहा कि इस केस में कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और सजा केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्यों (Circumstantial Evidence) के आधार पर दी जा रही है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मेडिकल रिपोर्ट ने आत्महत्या की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया है।

हालांकि, अदालत ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि आरोपी ने यह साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं दिया कि घटना के समय वह भारत में मौजूद नहीं था। इसके अलावा, उसने अपना पासपोर्ट भी अदालत में पेश नहीं किया।


हाईकोर्ट ने सजा क्यों बरकरार रखी?

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि:

  1. मेडिकल साक्ष्य: पुलिस सर्जन की रिपोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह “एंटीमॉर्टम हैंगिंग” (घटना से पहले लटकाने) का मामला है, जो हत्या की ओर इशारा करता है।
  2. संदिग्ध परिस्थितियां: आरोपी ने मृतका और उसकी बेटी को गुप्त रूप से लॉज में लेकर गया और घटना के बाद फरार हो गया।
  3. पवित्रता पर शक: आरोपी अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था और यह हत्या का प्रमुख कारण हो सकता है।
  4. सबूतों की कमी: आरोपी इस बात का संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका कि घटना के समय उसकी पत्नी के साथ क्या हुआ।

सास को भी ठहराया गया दोषी

इस मामले में महिला की सास को भी आईपीसी की धारा 498ए (वैवाहिक क्रूरता) के तहत दोषी ठहराया गया है। अदालत ने पाया कि मृतका ने अपनी वैवाहिक समस्याओं को लेकर पुलिस से शिकायत की थी, और आरोपी के परिवार के सदस्यों पर उसे प्रताड़ित करने के आरोप भी साबित हुए।

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button