कल्याणी (पश्चिम बंगाल): शुक्रवार सुबह कल्याणी के मध्य चार इलाके में एक शख्स के पास सैकड़ों वोटर कार्ड मिलने की घटन ने माहौल गर्मा दिया। स्थानीय लोगों द्वारा पकड़े गए संदिग्ध—उत्तम प्रसाद (निवासी: हिंदमोटर, हुगली)—के पास से बरामद कई वोटर कार्ड अब चुनावी जवाबदेही और सुरक्षा की बहस को तेज कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
स्थानीय युवकों की शिकायत पर उत्तम प्रसाद के बैग की तलाशी ली गई, जिसमें लगभग सौ से अधिक वोटर कार्ड पाए गए।
इन कार्डों में से कुछ असम के भी बताए जा रहे हैं; बाकी कार्ड कल्याणी के विभिन्न वार्डों से संबंधित हैं।
आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और कार्डों की असलियत व स्रोत की जांच चल रही है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट तलब की है।
भाजपा और तृणमूल दोनों पार्टियों ने इस घटना पर बयान जारी किए — भाजपा ने इसे गंभीर चुनावी साजिश करार दिया, जबकि तृणमूल ने अपने कार्यकर्ताओं को प्रत्यारोपित करते हुए घटना से दूरी बनाई।
घटना का क्रम
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार सुबह दो युवक संदिग्ध कार्रवाई के कारण उत्तम प्रसाद पर नज़र गड़ाए रहे। जब उन्होंने संदिग्ध का बैग देखा तो उसमें दर्जन-दर्जन वोटर कार्ड मिले। आसपास के लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पूछताछ शुरु की और उत्तम को हिरासत में ले लिया।
आरोपी का कहना
उत्तम प्रसाद ने जांचियों से कहा कि वह अपनी बहन के घर आया था और रास्ते में घास के नीचे पड़े कार्ड देखकर उन्हें उठा लिया। हालांकि, लोगों ने इस दावे पर संदेह जताया है कि इतनी बड़ी संख्या में कार्ड सड़क किनारे कैसे पड़े होंगे और क्या वे वास्तव में ‘‘बेसहारा ढंग से झाड़ियों में पड़े थे।’’
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
भाजपा के स्थानीय विधायक अंबिका रॉय ने कहा कि उन्हें सूचनाएँ मिली हैं कि संख्या एक हजार के आस-पास भी हो सकती है और इस तरह के रिकॉर्ड का प्रयोग चुनावी धोखाधड़ी में किया जा सकता है। उन्होंने त्वरित और पारदर्शी जांच की मांग की।
वहीं, तृणमूल नेता बिप्लब दे सजल ने अपने दल के किसी भी कार्यकर्ता के शामिल होने से इनकार किया और घटना को सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा करने का प्रयास बताते हुए विपक्ष पर आरोप लगाए।
प्रशासनिक और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने घटना की रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट से मांग की है और मामले की संजीदगी को देखते हुए स्थानीय प्रशासन व पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर पहलू की जांच कर के शीघ्र अवगत कराएँ। चुनाव आयोग की तैयारी के तहत राज्य में संभावित मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को देखते हुए ऐसी घटनाएँ संवेदनशील मानी जा रही हैं।
क्या है चिंता का कारण?
वोटर कार्डों का स्रोत: सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतने कार्ड किसने और किस उद्देश्य से जमा या फेंके थे।
वैलिडिटी (असली/नकली): कार्डों की असलियत की जांच जरूरी है — क्या यह आधिकारिक पंजीकरण वाले कार्ड हैं या नकली प्रतियाँ।
चुनावी असर: SIR जैसी प्रक्रियाएँ चल रही हों तो ऐसे मामले चुनावी निष्पक्षता व जनता के विश्वास पर असर डाल सकते हैं।
आगे क्या होगा?
पुलिस अब कार्डों के सीरियल, पते व सम्बन्धित मतदाताओं की पहचान की पुष्टि कर रही है। इसके अलावा, जिला प्रशासन तथा चुनाव अधिकारी मिलकर यह भी तय करेंगे कि क्या इस घटना को लेकर विस्तृत जांच (Special Investigation) की ज़रूरत है।














