रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 20 जून को झारखंड मंत्रालय (प्रोजेक्ट भवन) में कैबिनेट बैठक कर रहे थे, तभी अचानक बिजली गुल हो गई। मुख्यमंत्री के बैठक कक्ष में ही हुई इस पावर कट की घटना पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है।
खुद मुख्यमंत्री झेल रहे बिजली संकट
जल, जंगल और खनिज संसाधनों से समृद्ध झारखंड, जो देश के लगभग 40 फीसदी खनिजों — खासकर कोयला और यूरेनियम — का उत्पादन करता है, फिर भी बिजली संकट से जूझ रहा है। स्थिति इतनी खराब है कि आम जनता ही नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी बैठक के दौरान इस परेशानी से गुजरना पड़ा।
“मेरी बैठक में भी गुल हो गई बिजली”
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से कहा, “आज जब मैं कैबिनेट की बैठक कर रहा था, उसी वक्त मेरे ही कमरे की बिजली गुल हो गई।” उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
पूरे राज्य में बिजली संकट
रांची समेत झारखंड के सभी 24 जिलों में बिजली कटौती एक आम समस्या बन चुकी है। मुख्यमंत्री से लेकर आम जनता तक, इस समस्या से सभी त्रस्त हैं।
बैठक में 26 प्रस्तावों पर लगी मुहर
हालांकि इस बाधा के बावजूद बैठक में 26 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मंजूरी दी गई। इनमें रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत खूंटी जिले में महिला महाविद्यालय के निर्माण, झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्याय बोर्ड को 3 करोड़ रुपये की सहायता देने, और झारखंड राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली, 2025 के गठन जैसी अहम योजनाएं शामिल हैं।
अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने बिजली समस्या के स्थायी समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की असुविधा से बचा जा सके।