5देशों की ऐतिहासिक यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो के पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचे, जहां उनका स्वागत किसी भव्य सांस्कृतिक उत्सव से कम नहीं था। जैसे ही प्रधानमंत्री एयरपोर्ट पर उतरे, देश की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने 38 मंत्रियों और 4 सांसदों के साथ उनका पारंपरिक भारतीय अंदाज़ में स्वागत किया। इस दौरान भोजपुरी लोकगीत चोटाला की मधुर धुनों ने समां बाँध दिया, जिससे माहौल में एक भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव महसूस किया गया।
यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 1999 के बाद पहली त्रिनिदाद यात्रा थी और बतौर प्रधानमंत्री मोदी की पहली। इस ऐतिहासिक मौके पर पीएम मोदी न केवल भारतीय समुदाय से मिलने पहुंचे, बल्कि अपने साथ अयोध्या की पावन मिट्टी की महक भी लेकर आए — राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी का पवित्र जल।
“राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू जल लाना मेरे लिए गर्व की बात है” — मोदी
पोर्ट ऑफ स्पेन में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा, “मैं यहां सिर्फ प्रधानमंत्री के रूप में नहीं आया, बल्कि भारत की आत्मा और अयोध्या की पवित्रता को लेकर आया हूं। राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी का अमृत तुल्य जल लाना मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है।”
उन्होंने बताया कि त्रिनिदाद और टोबैगो के भारतीय समुदाय ने पहले ही अयोध्या मंदिर के निर्माण में सहयोग करते हुए शिलाएं और पवित्र जल भेजा था। उन्होंने कहा, “आपने मिट्टी छोड़ी, मगर संस्कृति नहीं। आपकी रामलीलाएं, आपकी श्रद्धा — सब कुछ भारत से आपके अटूट जुड़ाव का प्रमाण है।”
अयोध्या आने का खुला निमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने भावुक अपील करते हुए भारतीय मूल के सभी लोगों को अयोध्या आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा,
“मैं आप सभी को व्यक्तिगत रूप से भारत आने के लिए आमंत्रित करता हूं। अपने पूर्वजों के गांवों को देखिए, उस मिट्टी पर चलिए जिस पर आपके पूर्वज चले थे। अपने बच्चों को भारत लाकर बताइए कि वो कहां से जुड़े हैं। हम आपको खुले दिल, गर्मजोशी और जलेबी के साथ स्वागत करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “सरयू जल और संगम का पवित्र जल हमारे संस्कारों की जीवंत धारा है। यही संस्कृति, यही विरासत हमें जोड़ती है, चाहे हम कहीं भी हों।”
“भारत के आप हैं सांस्कृतिक राजदूत”
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों को भारत के “संस्कृति के राजदूत” की संज्ञा दी। उन्होंने कहा, “आप सभी भारत की आत्मा को विश्वभर में जीवित रखते हैं। आप हमारे गौरव हैं। आपने गंगा-यमुना को पीछे छोड़ा लेकिन रामायण को दिल में लिए चले। यही भारत की आत्मा है।”
पांच देशों की यात्रा में दूसरा पड़ाव
प्रधानमंत्री मोदी की यह त्रिनिदाद यात्रा उनके पांच देशों के दौरे का दूसरा चरण है। इससे पहले वे घाना पहुंचे थे, जहां उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी को नई ऊंचाई दी। इसके बाद वे अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया भी जाएंगे, जहां वह BRICS शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे और विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के साथ भारत के रणनीतिक हितों पर चर्चा करेंगे।
यह यात्रा केवल कूटनीति नहीं, संस्कृति और आस्था का संगम बन गई है — एक ऐसा क्षण जब राम की अयोध्या, सरयू का पवित्र जल और भारत की विरासत विदेशी भूमि पर नई ऊर्जा से जीवंत हुई।