नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए एक्सिओम-4 मिशन पर गए भारतीय पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई, जिसमें शुक्ला ने अपने रोमांचक अंतरिक्ष अनुभव साझा किए। पीएम मोदी ने इस बातचीत का 10 मिनट का वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया है।
तिरंगा और मिशन पैच भेंट
मुलाकात के दौरान शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री को एक्सिओम-4 मिशन का विशेष मिशन पैच और वह तिरंगा भेंट किया, जिसे वह अपने साथ ISS लेकर गए थे। उन्होंने बताया कि भारत के आगामी गगनयान मिशन को लेकर न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में उत्साह है।
अंतरिक्ष में चुनौतियां और “अंतरिक्ष किसान” की भूमिका
पीएम मोदी ने पूछा कि अंतरिक्ष में जाकर शरीर पर क्या असर होता है? इस पर शुक्ला ने कहा कि वहां पहुंचने के बाद शरीर को माहौल से तालमेल बैठाने में 4-5 दिन लगते हैं, और पृथ्वी पर लौटने के बाद भी चलने-फिरने में कठिनाई आती है।
उन्होंने बताया कि ISS पर खाना सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि जगह कम होती है और सामान महंगा। इसी वजह से वहां कम जगह में अधिक पोषण और कैलोरी देने वाले विकल्प तलाशे जाते हैं। इसी प्रयोग के तहत शुक्ला ने अंतरिक्ष स्टेशन पर मूंग और मेथी के बीज उगाकर एक ‘अंतरिक्ष किसान’ की भूमिका निभाई।
भारतीय उपस्थिति से उत्साहित विदेशी वैज्ञानिक
प्रधानमंत्री ने पूछा कि भारतीय होने के नाते विदेशियों की क्या प्रतिक्रिया रही? शुक्ला ने बताया कि जहां भी वह गए, लोग उनसे खुशी से मिले। सभी को यह पता था कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा, “विदेशी वैज्ञानिक मुझसे भी ज्यादा गगनयान मिशन के लिए उत्साहित नजर आए और बार-बार पूछते रहे कि भारत का मिशन कब लॉन्च होगा।”
A wonderful conversation with Shubhanshu Shukla. Do watch! @gagan_shux https://t.co/C3l2TNnMpo
— Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2025
“यह अंत नहीं, शुरुआत है”
एक्सिओम-4 मिशन को लेकर शुक्ला ने कहा, “हम जब पहुंचे तो पूरी तैयारी के साथ थे। यह मिशन अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है। इसका मकसद था कि हम क्या सीखकर लौटते हैं।”
इस पर पीएम मोदी ने कहा कि स्पेस स्टेशन और गगनयान भारत के महत्त्वाकांक्षी मिशन हैं और शुक्ला का अनुभव इन अभियानों में उपयोगी साबित होगा। शुक्ला ने भी कहा कि मोदी सरकार से अंतरिक्ष कार्यक्रमों को निरंतर मजबूत समर्थन मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, “भारत आत्मनिर्भर बनकर ही अंतरिक्ष क्षेत्र में आगे बढ़ेगा और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी।”