हिंडन एयबेस, 8 अक्टूबर — भारतीय वायुसेना (IAF) ने बुधवार को अपना 93वाँ स्थापना दिवस मनाया। अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने सेना की तैयारियों, हालिया ऑपरेशनों और भविष्य-उन्मुख प्रशिक्षण पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि वे दुनिया की सबसे आधुनिक वायुसेना के प्रमुख हैं।
मुख्य बातें
एयर चीफ मार्शल ने वायुसेना की ‘घरेलू क्षमताओं’ और हालिया सफलता ऑपरेशन सिंडूर को आधुनिक युद्ध की प्रभावशीलता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंडूर ने सटीकता और त्वरित कार्यान्वयन के जरिए देश की सुरक्षा को मजबूती दी।
उन्होंने वायुसेना के यौद्धाओं की बहुआयामी भूमिका — सीमाओं की रक्षा से लेकर प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्यों तक — को रेखांकित किया और जवानों की निष्ठा व समर्पण की प्रशंसा की।
भविष्य की चुनौतियों के मद्देनज़र ए.पी. सिंह ने प्रशिक्षण के उस सिद्धांत पर ज़ोर दिया जिसका मूल मंत्र है “जैसे लड़ते हैं, वैसे प्रशिक्षण” — ताकि लड़ते-लड़ते जो वास्तविक परिस्थितियाँ सामने आती हैं, वहीं प्रशिक्षण में निहित हों। साथ ही उन्होंने इंटर-सर्विस तालमेल और तकनीकी नवाचारों की आवश्यकता पर भी बल दिया।
एयर चीफ के प्रमुख बिंदु (उद्धरणों के सार):
“हमें अपनी विजय का जश्न मनाते हुए भी भविष्य के लिए तैयार रहना होगा — योजना व्यावहारिक और परस्थितियों के अनुरूप होनी चाहिए। टीम-वर्क से ही जीत संभव है।” उन्होंने कहा कि वायुसेना का हर योद्धा इसे और मजबूत बनाता है और सामूहिक सामर्थ्य को बढ़ाना हमारा लक्ष्य है।
#WATCH | Hindon Air Base (Ghaziabad): IAF Chief Air Chief Marshal AP Singh says, “Our performance in Operation Sindoor fills us with professional pride…Operation Sindoor is a shining example of what can be achieved through meticulous planning, disciplined training and… pic.twitter.com/WDTL91tMq0
— ANI (@ANI) October 8, 2025
ऑपरेशन सिंडूर — एक मिसाल
ए.पी. सिंह ने ऑपरेशन सिंडूर को ‘सटीक, निर्णायक और निर्भीक’ बताया और कहा कि इस ऑपरेशन में देशी हतियार प्रणाली, बेहतर इंटेलिजेंस और संयुक्त सेवा समन्वय ने निर्णायक भूमिका निभाई। ऑपरेशन की उल्लेखनीय सफलताओं को आज के परेड और प्रदर्शनों में भी उजागर किया गया।
समापन-भाव और संदेश
वायुसेना प्रमुख ने साफ कहा कि जीत केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं—बल्कि टीम वर्क, समन्वय और लगातार प्रशिक्षण का परिणाम है। आने वाले समय में भारतीय वायुसेना का फोकस और अधिक आत्मनिर्भर तकनीकों, वास्तविक-परिस्थिति आधारित प्रशिक्षण और अन्य रक्षा सेवाओं के साथ रणनीतिक सहयोग पर रहेगा।
नज़र: 93 वर्षों के सफर में वायुसेना ने अपने स्वरूप में लगातार बदलाव दर्ज किए हैं — प्रदर्शनों और ऑपरेशनल उपलब्धियों ने यह संदेश दिया है कि भविष्य की चुनौतियों के लिए फोर्स न सिर्फ सक्षम है, बल्कि जल्द ही और अधिक उन्नत बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।