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बांग्लादेश में अस्थायी सरकार का गठन हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद वहां बाजार की कीमतें अस्थिर बनी हुई हैं। अंडे और आलू जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है।
बांग्लादेश के बाजार कीमतों को नियंत्रित करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका:
कुछ दिन पहले बांग्लादेश में अंडों की कीमतें आपूर्ति की कमी के कारण 15-16 टका प्रति अंडा तक पहुंच गई थीं। इस संकट के बीच भारत ने मदद के लिए 231,040 अंडों का निर्यात किया, जिससे बांग्लादेशी बाजार में अंडे की कीमतें घटकर 7-8 टका प्रति अंडा हो गईं।
अंडों की आपूर्ति के बाद, भारत अब बांग्लादेश को आलू का निर्यात कर रहा है। जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश के 10 आयातकों को दिनाजपुर के हिली भूमि बंदरगाह के माध्यम से आलू आयात करने की अनुमति दी गई है। हिली भूमि बंदरगाह के वरिष्ठ अधिकारी यूसुफ अली ने शुक्रवार सुबह इसकी पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के आलू बाजार में स्थिरता लाने के लिए 10 व्यापारियों को आलू आयात करने की मंजूरी दी गई है। ये व्यापारी पहले से ही आयात परमिट (IP) के लिए आवेदन कर चुके थे, और प्रक्रिया अब लगभग पूरी हो चुकी है। जल्द ही भारत से आलू का निर्यात शुरू हो जाएगा, जिससे बांग्लादेश में आलू की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने की उम्मीद है।
कुछ ही दिनों में बांग्लादेशी आयातक भारत से आलू मंगवा सकेंगे। हिली बंदरगाह के आयातकों ने पुष्टि की है कि 10 व्यापारियों को आलू आयात करने की अनुमति मिल चुकी है। चूंकि लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) खोलने की प्रक्रिया में कुछ समय लगता है, इसलिए आयात प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
भारत से आलू का आयात शुरू होते ही बांग्लादेश के घरेलू बाजार में आलू की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे वहां की जनता को राहत मिलेगी।
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VIKAS TRIPATHI
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