Tuesday, July 1, 2025
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चीन में फैल रहा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस: हर जगह नहीं हो पा रहा एचएमपीवी का टेस्ट, सरकार के सामने ये बड़ी चुनौती

Hmpv cases in india human metapneumovirus test symptoms of hmpv virus: चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने भारी तबाही मचा रखी है, और अब भारत में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। यह वायरस खासतौर से 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है, क्योंकि यह श्वसन तंत्र पर हमला करता है। इससे जुड़ी चिंताओं के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसका टेस्ट कहां और कैसे करवाया जाए।

क्या है टेस्टिंग प्रक्रिया?

टीवी9 भारतवर्ष की रिपोर्ट के अनुसार, HMPV का टेस्ट फिलहाल देश की सरकारी और निजी लैब में हो रहा है। हालांकि, अगर टेस्ट किसी निजी लैब में किया जाता है, तो सैंपल सत्यापन के लिए पुणे की लैब में भेजा जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संक्रमण HMPV का ही है, आरटी-पीसीआर टेस्ट को सबसे विश्वसनीय माना गया है। यह टेस्ट मरीज के नाक और गले से लिए गए नमूनों में वायरस का पता लगाता है। हालांकि, कुछ मामलों में वायरल कल्चर को लैब में विकसित किया जा सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया समय लेने वाली होती है।

कैसे फैलता है HMPV?

डॉक्टरों के मुताबिक, यह वायरस हवा के माध्यम से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से यह वायरस दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, अगर आप ऐसी जगह जाते हैं जहां वायरस कुछ समय तक जीवित रह सकता है, तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह RNA बेस्ड वायरस है, जिसकी अभी तक कोई वैक्सीन या स्पेसिफिक दवा उपलब्ध नहीं है।

कितना खतरनाक है यह वायरस?

HMPV खासतौर से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। यह वायरस ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र में संक्रमण और कई गंभीर कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है। इसकी पहचान पहली बार 2001 में हुई थी, और यह पैरामाइक्सोविरिडे फैमिली से संबंधित है।

संक्रमण के लक्षण कब दिखते हैं?

HMPV से संक्रमित लोग कोविड-19 की तरह लक्षण दिखने के 1-2 सप्ताह तक संक्रामक हो सकते हैं। हालांकि, एंटीबॉडी परीक्षण के जरिए पिछले संक्रमण की पहचान की जा सकती है, लेकिन यह एक्यूट संक्रमण के लिए कारगर नहीं है।

सरकार की तैयारियां

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पून्या सलिला श्रीवास्तव ने इस वायरस को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की। बैठक में वायरस की स्थिति और इससे निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की गई। आईडीएसपी के आंकड़ों के अनुसार, देश में फिलहाल कहीं भी आईएलआई/एसएआरआई मामलों में असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है। इसके बावजूद सरकार सतर्क है और निगरानी बढ़ा रही है।

क्या करें बचाव के लिए?

  • भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
  • खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
  • नियमित रूप से हाथ धोएं और मास्क का इस्तेमाल करें।
  • बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर से संक्रमण से बचाने का प्रयास करें।

भारत में HMPV को लेकर भले ही स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता और जागरूकता ही इस वायरस से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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