चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। बैठक में ‘ड्राफ्ट टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी, 2025’ को मंजूरी दे दी गई है। यह नई पॉलिसी मौजूदा टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी–2023 की जगह लेगी और इसे काफी हद तक मॉडल ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी के अनुरूप तैयार किया गया है।
नई पॉलिसी का उद्देश्य शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों की तैनाती को पारदर्शी, निष्पक्ष और मांग के आधार पर सुनिश्चित करना है, ताकि छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा की जा सके।
अब नहीं रहेगा ज़ोनिंग सिस्टम
नई ट्रांसफर पॉलिसी के तहत ज़ोनिंग का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। अब शिक्षक किसी भी जिले या स्कूल को सीधे चुन सकेंगे। पहले, जो शिक्षक “राज्य में कहीं भी” के विकल्प के तहत चयन करते थे और बाद में मोरनी हिल्स (पंचकूला) या मेवात जिले जैसी कठिन क्षेत्रों में पोस्टिंग पाते थे, उन्हें विशेष प्रोत्साहन भत्ता मिलता था।
कठिन क्षेत्रों में सेवा पर मिलेगा 10% अतिरिक्त लाभ
संशोधित प्रावधानों के अनुसार, अब जो शिक्षक पंचकूला जिले के मोरनी ब्लॉक, पलवल जिले के हथीन ब्लॉक और नूंह जिले के स्कूलों में कार्यरत रहना चाहते हैं या पोस्टिंग का विकल्प चुनते हैं, उन्हें बेसिक पे प्लस डी.ए. का अतिरिक्त 10% (नियमित शिक्षकों को) या 10,000 रुपये प्रतिमाह (गेस्ट शिक्षकों को) का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
ट्रांसफर के लिए बनेगा 80 अंकों का कम्पोजिट स्कोर
खाली पदों का आवंटन प्रत्येक शिक्षक के कुल कम्पोजिट स्कोर के आधार पर होगा, जिसकी अधिकतम सीमा 80 अंक होगी।
आयु को सबसे अधिक वेटेज मिलेगा — अधिकतम 60 अंक।
वहीं, महिलाओं, महिला मुखिया परिवारों, विधवाओं, विधुरों, दिव्यांग शिक्षकों, गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों और छात्रों के परिणामों में सुधार करने वाले शिक्षकों जैसी विशेष श्रेणियों को 20 अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे।
दंड और शिकायत निवारण की व्यवस्था भी शामिल
यदि किसी शिक्षक पर प्रमुख दंड की अवधि जारी है, तो उसके 10 अंक घटाए जाएंगे।
साथ ही, यदि कोई शिक्षक ट्रांसफर निर्णय से असंतुष्ट है, तो वह सक्षम प्राधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कर सकता है।
दंपत्ति मामलों में मिलेगी अतिरिक्त राहत
नई नीति के तहत दंपत्ति शिक्षकों को अब 5 विशेष योग्यता अंक दिए जाएंगे, और यह लाभ अब पति-पत्नी के कार्यस्थल के बीच दूरी पर किसी प्रतिबंध के बिना उपलब्ध होगा।
संक्षेप में, यह नई ट्रांसफर पॉलिसी शिक्षकों के लिए अधिक पारदर्शी, लचीली और प्रोत्साहन आधारित व्यवस्था लेकर आई है, जिससे शिक्षकों को अपनी पसंद के स्कूल चुनने की स्वतंत्रता के साथ-साथ कठिन क्षेत्रों में काम करने पर आर्थिक लाभ भी मिल सकेगा।














