Friday, December 5, 2025
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गिरिराज सिंह का तीखा हमला: “अंसारी भाइयों को बताया लुटेरा–आतंकी, मदर टेरेसा पर धर्मांतरण के आरोप”

गाजीपुर — केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने स्थानीय कार्यक्रम में आरजेडी और सपा नेताओं पर तीखे शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि ये दल हिंदुओं के असली दुश्मन हैं। रविवार को विधायक कृष्णानंद राय की शहादत दिवस की कार्यक्रम से भाषण के दौरान गिरिराज ने अंसारी भाइयों को “लुटेरा, आतंकवादी” करार दिया और मदर टेरेसा को दिए गए नोबेल शांति पुरस्कार के पीछे धर्मांतरण के इरादे का आरोप भी लगाया।

राजनीति और धर्म को जोड़ते हुए गंभीर आरोप

गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उनसे जुड़े लोग “मदर टेरेसा के शांति पुरस्कार” का इस्तेमाल धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए करते रहे हैं। उनके शब्दों में, “इन लोगों की आड़ में सिर्फ ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ और सनातन धर्म को नीचा दिखाने का काम किया गया।” उन्होंने विशेष रूप से आरजेडी और सपा के नेतृत्व को मुस्लिम तुष्टीकरण और सनातन-संस्कृति को कमजोर करने का दोषी बताया और कहा कि बिहार में लालू परिवार तथा यूपी में मुलायम सिंह यादव का परिवार हिंदुओं के लिए खतरनाक है।

भाषा तीखी, चेतावनी स्वर भी

मंच से गिरिराज ने कहा कि “लुटेरे, कमीने और आतंकी क्षणिक लाभ के लिए साथ देते हैं” और सवाल उठाया कि क्या ऐसे लोगों को राजनीतिक सौदे—ठेका या ब्लॉक प्रमुख जैसे पद दिए जाने चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यदि हिंदू एक नहीं हुए और एकजुटता का संकल्प नहीं लिया गया तो “शहादत” देनी पड़ेगी — चाहे वह कहीं भी हो। उन्होंने इसे ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए बताया कि मुगलों और अंग्रेजों के दौर में समाज पर जो असर पड़ा, वह कांग्रेस शासनकाल में और गहराया।


शौर्यगाथा और अतितथ्य का संदर्भ

गिरिराज ने देशभक्ति के प्रतीकों का हवाला देते हुए मंगल पांडे और कृष्णानंद राय जैसे शहीदों का ज़िक्र किया और कहा कि उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कृष्णानंद राय और अन्य शहीदों को अपराधियों तथा, उनके कथनानुसार, “अंसारी बंधुओं के आतंक” से मुक्ति दिलाने वाला बताया।

तेजस्वी–तेजप्रताप पर भी तीखा हमला

विपक्षी नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव पर निशाना साधते हुए गिरिराज ने तेजस्वी पर व्यंग्य किया कि वे “जयचंद ढूंढ रहे हैं” जबकि तेजप्रताप कहते हैं कि जयचंद घर में छिपा हुआ है। उन्होंने तेजस्वी पर आरोप लगाया कि जिसने अपने ही परिवार का साथ नहीं दिया और “भारतीय संस्कृति का अपमान” किया, वह दूसरों के लिए क्या कर सकता है।

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और संभावित प्रभाव

गिरिराज सिंह के बयानें एक बार फिर राजनीतिक विवाद का कारण बन सकती हैं। ऐसे वक्तव्य अक्सर सियासी घेराव, प्रतिवाद और सामाजिक तनाव के रूप में उभरते हैं—विशेषकर जब धर्म और जाति जैसे संवेदनशील मुद्दे केंद्र में हों। विपक्ष इन आरोपों पर तीखा जवाब दे सकता है, जबकि मंत्री के समर्थक इनको सशक्त राजनीतिक संदेश मानकर जनता के बीच प्रभाव डालने की कोशिश करेंगे।

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