
गाजीपुर में बेसिक शिक्षा विभाग का एक और रिश्वतखोरी मामला उजागर हुआ है। एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने सैदपुर खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अविनाश कुमार के खिलाफ रिश्वतखोरी में शामिल होने का मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई बीआरसी सैदपुर के संविदाकर्मी लेखाकार सुजीत कुमार शर्मा की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद हुई।
प्रकरण का खुलासा
गिरफ्तारी: 21 नवंबर को एंटी करप्शन टीम ने सुजीत कुमार शर्मा को 10,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा।
शिकायत: यशवंत सिंह ने आरोप लगाया था कि गैरहाजिरी से संबंधित फाइल के निस्तारण के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी।
जांच: पूछताछ में सुजीत ने बताया कि रिश्वत की राशि बीईओ अविनाश कुमार को दी जाती थी।
सबूत और संलिप्तता
लेखाकार के बैंक खाते से बीईओ के खाते में लेनदेन के प्रमाण मिले।
सरकारी टैबलेट और मोबाइल में ऑडियो रिकॉर्डिंग ने रिश्वतखोरी में बीईओ की भूमिका स्पष्ट की।
प्रशासनिक कार्रवाई
एंटी करप्शन विभाग ने बीएसए गाजीपुर हेमंत राव और अन्य अधिकारियों को मामले की जानकारी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अधिकारियों का बयान
नीरज सिंह, प्रभारी निरीक्षक (एंटी करप्शन): “बैंक अकाउंट और ऑडियो रिकॉर्डिंग में बीईओ की भूमिका स्पष्ट हुई है। दोनों उपकरण जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।”
हेमंत राव, बीएसए गाजीपुर: “मामला संज्ञान में है। एंटी करप्शन विभाग का पत्र प्राप्त होने के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी।”
निष्कर्ष
घटना ने गाजीपुर के बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। रिश्वतखोरी के मामलों को लेकर विभाग में पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।