
गाजीपुर, 4 दिसंबर 2024
संयुक्त किसान मोर्चा यूपी ने बिजली के निजीकरण को जन विरोधी और कॉर्पोरेट लाभ बढ़ाने वाला कदम बताते हुए प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया। गाजीपुर में सरजू पांडेय पार्क में आयोजित सभा के बाद 7 सूत्री ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा गया।
निजीकरण के फैसले पर कड़ा विरोध
सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के कोर कमेटी सदस्य ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने बिजली के निजीकरण को किसानों और मजदूरों पर हमला बताया। उन्होंने इसे अदानी, अंबानी और अन्य कॉर्पोरेट्स के हित में लिया गया फैसला करार दिया। श्री कुशवाहा ने कहा कि निजीकरण घाटे की समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि यह सरकारी नीतियों और नौकरशाही की विफलता है।
300 यूनिट मुफ्त बिजली और बकाया माफ करने की मांग
किसान नेताओं ने योगी सरकार पर चुनावी वादे पूरे न करने का आरोप लगाया। उन्होंने 300 यूनिट मुफ्त बिजली, सिंचाई के लिए फ्री बिजली, फर्जी बकाया बिल माफ करने और संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग की।
सरकारी नीतियों पर सवाल
सभा में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुभव दास ने कहा कि डॉक्टर आंबेडकर ने बिजली को सामाजिक जरूरत बताते हुए इसे सार्वजनिक क्षेत्र में बनाए रखने की वकालत की थी। लेकिन मौजूदा सरकारें निजीकरण पर जोर देकर आम उपभोक्ताओं और किसानों के खिलाफ काम कर रही हैं।
आंदोलन का आह्वान
किसान नेताओं ने सरकार द्वारा बिजली विभाग की हड़ताल पर छह महीने की रोक की निंदा की और मजदूरों, किसानों, कर्मचारियों और आम जनता से एकजुट होकर संघर्ष का आह्वान किया।
7 सूत्री ज्ञापन सौंपा गया
राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में निजीकरण रोकने, फर्जी बकाया माफ करने, संविदा कर्मियों को नियमित करने और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की मांग की गई।
सभा में प्रमुख वक्ता
सभा को अम्बिका प्रसाद श्रमिक, सत्येन्द्र प्रजापति, योगेंद्र यादव, नसीरुद्दीन सहित कई अन्य नेताओं ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता अम्बिका प्रसाद श्रमिक और संचालन शशिकांत कुशवाहा ने किया।
