गाजीपुर। पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश रामअवतार प्रसाद ने मात्र 14 दिन की न्यायिक प्रक्रिया के बाद एक दुष्कर्मी सौतेले बाप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर 1 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया। यह फैसला न्याय जगत में मिसाल बन गया है।विशेष लोक अभियोजक पाक्सो गाजीपुर, प्रभूनारायण सिंह ने बताया कि यह घटना 18 जुलाई 2025 को शादियाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई। वादीनी अपनी मासूम बेटी और चार वर्षीय पुत्र को अभियुक्त की देखरेख में छोड़कर खेत में काम करने गई थीं। शाम को करीब तीन बजे घर लौटने पर उन्होंने देखा कि उनकी बेटी अभियुक्त के गोद में जोर-जोर से रो रही थी।जब मां ने बेटी से स्थिति के बारे में पूछा, तो बच्ची ने पूरी घटना बताई। आरोपी ने सवाल पूछे जाने पर वहां से भागने की कोशिश की।27 जुलाई को वादीनी ने थाने में लिखित तहरीर दर्ज कराई। पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर विवेचना पूरी की। 12 सितंबर को अभियुक्त के खिलाफ चार्ज फ्रेम किया गया और 15 सितंबर से प्रतिदिन गवाही हुई।आखिरकार, 26 सितंबर 2025 को न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुनाया। अभियुक्त को आजीवन कारावास और 1 लाख रुपये का अर्थदंड दिया गया।विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि यह फैसला पीड़ित परिवार के लिए राहत देने के साथ-साथ समाज में यह संदेश देता है कि बच्चों के खिलाफ अपराधों में न्याय तेज़ और प्रभावी होना चाहिए।