
नोएडा | विशेष संवाददाता
गौतमबुद्धनगर की ट्रैफिक व्यवस्था अब सवालों के घेरे में है। लगातार हो रही जनशिकायतों, ट्रैफिक जाम की बढ़ती घटनाओं, अतिक्रमण के मामलों और आमजन की परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस आयुक्त (CP) लक्ष्मी सिंह ने शनिवार को विभागीय समीक्षा के बाद एक के बाद एक कड़े फैसले लिए।
ट्रैफिक विभाग में लापरवाही, आदेशों की अनदेखी और प्रबंधन में भारी चूक सामने आने के बाद उन्होंने ACP ट्रैफिक पवन कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, जबकि DCP ट्रैफिक लखन सिंह से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। यही नहीं, विभाग में काम कर रहे 13 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को दंडित भी किया गया है।
पृष्ठभूमि: बढ़ती ट्रैफिक समस्या, थमी ज़िंदगी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सड़कें इन दिनों जाम, अव्यवस्था और अतिक्रमण की गिरफ्त में हैं। सुबह-शाम दफ्तर, स्कूल-कॉलेज और व्यावसायिक इलाकों में जाम अब आम हो चुका है। कई महत्वपूर्ण चौराहों और फ्लाईओवर पर वाहनों की लंबी कतारें, ट्रैफिक कर्मियों की अनुपस्थिति और अवैध पार्किंग से लोगों को घंटों परेशान होना पड़ता है।
नागरिकों, व्यापारियों और अभिभावकों ने कई बार इस स्थिति की शिकायत सोशल मीडिया और जनसुनवाई पोर्टलों के माध्यम से की थी, लेकिन अपेक्षित सुधार नहीं दिखा। हालात के गंभीर होने पर CP ने स्वयं मोर्चा संभाला।
समीक्षा बैठक में सामने आईं गम्भीर खामियाँ
शनिवार को CP लक्ष्मी सिंह ने जिले की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में यह तथ्य सामने आया कि:
• ट्रैफिक डायवर्जन प्लान केवल कागज़ों तक सीमित रहा।
• संवेदनशील इलाकों में पुलिसकर्मियों की पर्याप्त ड्यूटी नहीं लगाई गई।
• ट्रैफिक कंट्रोल के लिए दिये गए लिखित निर्देशों की अवहेलना हुई।
• फील्ड में गश्त और अतिक्रमण हटाने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।
कड़ी कार्रवाई: DCP से जवाब, ACP सस्पेंड
समीक्षा बैठक में गम्भीर लापरवाही उजागर होने पर CP ने तत्काल प्रभाव से ACP ट्रैफिक पवन कुमार को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए।
इसके अलावा DCP ट्रैफिक लखन सिंह से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है कि आखिरकार इतने स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी सुधारात्मक कदम क्यों नहीं उठाए गए।
ACP की इस रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को भेजने की सिफारिश की गई है।
13 पुलिसकर्मी दंडित, 7 निलंबित
कार्यवाही के दायरे में 13 ट्रैफिक कर्मी भी आए, जिन पर अनुशासनहीनता और लापरवाही के आरोप सिद्ध हुए:
• 1 ट्रैफिक इंस्पेक्टर (TI)
• 1 ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर (TSI)
• 5 हेड कांस्टेबल
• 4 आरक्षी (कांस्टेबल)
इनमें से कई को निलंबित किया गया, जबकि कुछ को अर्दली रूम में तलब कर स्पष्टीकरण और सजा दी गई है।
CP लक्ष्मी सिंह का दो टूक संदेश
“यातायात प्रबंधन में लापरवाही अब सहन नहीं की जाएगी। नागरिकों की असुविधा को हल्के में लेने वालों की जवाबदेही तय की जाएगी। जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें ज़मीन पर उतरकर उसका निर्वहन करना होगा।”
पुलिस आयुक्त ने यह भी संकेत दिया कि अगर आगे भी ऐसे हालात बने रहे तो अधिक वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
आगामी रणनीति और सुधारात्मक प्रयास
• नई कार्ययोजना और डायवर्जन प्लान तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा
• संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी
• ड्यूटी चार्ट की सख्त निगरानी होगी — किसे कहां ड्यूटी दी गई, उसका रीयल-टाइम फॉलोअप किया जाएगा
• हर सप्ताह समीक्षा बैठक अनिवार्य होगी, जिसमें ट्रैफिक की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी
• डिजिटल निगरानी (CCTV), ड्रोन से रियल टाइम मॉनिटरिंग, और रैंडम चेकिंग टीम तैनात की जाएगी
जनता की प्रतिक्रिया: “अब उम्मीद जागी है”
नोएडा के नागरिकों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। सेक्टर-62, 71, 137, 18, परी चौक, एक्सप्रेस-वे, फिल्म सिटी रोड जैसे क्षेत्रों में हर रोज़ घंटों ट्रैफिक जाम झेलने वाले लोग इस सख्ती से संतोष जताते हुए ठोस सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
ट्रैफिक से जुड़ी परेशानियाँ न सिर्फ समय की बर्बादी करती हैं, बल्कि व्यापार, आपात चिकित्सा और शिक्षा तक पर असर डालती हैं।
सरकारी तंत्र के लिए एक चेतावनी
गौतमबुद्धनगर पुलिस की यह कार्रवाई दर्शाती है कि अब जवाबदेही केवल अधीनस्थों की नहीं बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों की भी तय की जा रही है। यह मामला सिस्टम में सुस्ती, आदेशों की अवहेलना और जनता के प्रति संवेदनहीनता पर सख्त संदेश बनकर उभरा है।
गौतमबुद्धनगर में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर उठाया गया यह कदम न केवल तात्कालिक राहत का उपाय है, बल्कि लंबे समय से चली आ रही प्रशासनिक शिथिलता के विरुद्ध एक स्पष्ट और निर्णायक सख्त रुख भी है। अब देखने वाली बात होगी कि यह कार्रवाई सिस्टम में बदलाव लाती है या नहीं, और क्या आम नागरिकों को सड़क पर असली राहत मिलती है।

VIKAS TRIPATHI
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