नोएडा (उत्तर प्रदेश): नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का आक्रोश एक बार फिर सड़कों पर नजर आया। भारतीय किसान परिषद के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में किसान सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर जुटे और जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र भारी पुलिस बल की तैनाती करते हुए बेरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए।
“बिना वार्ता हम नहीं हटेंगे”—सुखवीर खलीफा
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने स्पष्ट कहा कि जब तक प्राधिकरण के साथ ठोस वार्ता नहीं होती, तब तक किसान यहां से नहीं हटेंगे। दोपहर बाद तक चला यह प्रदर्शन अंततः प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय खत्री की अगुवाई में हुई बैठक में तब्दील हुआ, जिसमें किसानों की विभिन्न मांगों पर गंभीरता से चर्चा हुई।
सीनियर मैनेजर पर घूस मांगने का आरोप, जांच का आश्वासन
बैठक में सुखवीर खलीफा ने प्राधिकरण के एक वरिष्ठ प्रबंधक पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप भी लगाया। इस पर संजय खत्री ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि मामले की जांच प्राथमिकता पर होगी।
सेक्टर-145 और 146 में आबादी के प्लॉट की मांग
किसानों ने सेक्टर-145 और 146 में आबादी प्लॉट चिन्हित कर जल्द आवंटन की मांग रखी। प्राधिकरण ने आश्वस्त किया कि इस दिशा में जल्द कार्यवाही की जाएगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के समुचित विकास, बुनियादी सुविधाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी चर्चा हुई।
हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल
किसानों ने प्राधिकरण से पूछा कि हाई पावर कमेटी के बाद उनकी मांगों पर क्या कार्रवाई हुई। इस पर अधिकारियों ने अब तक की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की।
मुआवजा और आबादी संरक्षण की मांगें
प्रदर्शन में किसानों ने 64.7 प्रतिशत की दर से मुआवजा, 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट, और मौजूदा आबादी को यथावत रखने की मांग जोरशोर से उठाई। उन्होंने कहा कि आबादी की जमीन को अवैध बताकर किसानों को परेशान न किया जाए।
गढ़ी चौखंडी पर कार्रवाई को लेकर भी चिंता
गढ़ी चौखंडी गांव में अवैध निर्माण को लेकर किसानों के खिलाफ हुई कार्रवाई पर भी नाराजगी जताई गई। इस पर प्राधिकरण ने भरोसा दिलाया कि मामले की निष्पक्ष जांच कर जल्द समाधान निकाला जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण और किसानों के बीच चली यह बातचीत तनाव के बीच संवाद की एक सकारात्मक कोशिश रही। हालांकि, किसानों की अधिकांश मांगों पर केवल आश्वासन ही मिल पाया है, जिससे आने वाले दिनों में किसानों की नाराजगी दोबारा सड़कों पर दिख सकती है। सुखवीर खलीफा ने स्पष्ट किया कि यदि मांगों को अमल में नहीं लाया गया तो किसान फिर आंदोलन तेज करेंगे।