उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बीच राहत और बचाव कार्यों में जुटी प्रशासनिक मशीनरी के साथ-साथ एक ऐसा क्षण भी सामने आया, जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर दीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निरीक्षण के दौरान घटी इस घटना ने आपदा के बीच मानवीय भावनाओं और सामाजिक जुड़ाव की अनूठी मिसाल पेश की।
गुजरात की धनगौरी बरौलिया धराली में फंसी थीं
गुजरात के अहमदाबाद के ईशनपुर क्षेत्र की निवासी धनगौरी बरौलिया अपने परिवार संग गंगोत्री धाम के दर्शन के लिए उत्तराखंड आई थीं। लेकिन 5 अगस्त को आई भयानक आपदा ने उनका सफर रोक दिया। भारी बारिश, मलबा और तेज बहाव के कारण धराली में मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया था और हालात बेहद गंभीर हो गए थे।
रेस्क्यू टीम ने दिलाया नया जीवन
मुख्यमंत्री धामी के निर्देशन में राहत व बचाव कार्य तुरंत शुरू किए गए। रेस्क्यू टीमों के अथक प्रयासों से बरौलिया और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला गया। राहत शिविर में जब मुख्यमंत्री धामी की मुलाकात बरौलिया से हुई, तो भावनाओं का सैलाब फूट पड़ा।
साड़ी का टुकड़ा बना राखी, आंखें हुईं नम
रक्षाबंधन से ठीक पहले जब मुख्यमंत्री पीड़ितों से मिल रहे थे, तब धनगौरी बरौलिया ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उसे राखी के रूप में मुख्यमंत्री धामी की कलाई पर बांध दिया। यह दृश्य वहां मौजूद अधिकारियों, राहतकर्मियों और स्थानीय नागरिकों की आंखें नम कर गया। आपदा के बीच ऐसा मानवीय क्षण विरले ही देखने को मिलता है।
मुख्यमंत्री ने भावुक होकर स्वीकार की राखी
मुख्यमंत्री धामी ने भी इस अनमोल भावनात्मक क्षण को पूरे सम्मान और विनम्रता के साथ स्वीकार करते हुए कहा—
“प्रदेश सरकार इस कठिन घड़ी में हर नागरिक के साथ खड़ी है। राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं।”
धराली में जगी आशा और विश्वास की किरण
आपदा से जूझ रहे धराली जैसे दुर्गम क्षेत्र में यह छोटा सा लेकिन अत्यंत गहरे भावनात्मक अर्थों से युक्त दृश्य, न सिर्फ उम्मीद की किरण बना, बल्कि यह भी दिखा गया कि विपदा कितनी भी बड़ी क्यों न हो, सांस्कृतिक मूल्यों और आपसी विश्वास की डोर हमेशा समाज को जोड़े रखती है।