नोएडा: फर्स्ट वन रिहैब फाउंडेशन के तत्वावधान में 28 जून को आयोजित विशेष कार्यक्रम “क्षितिज की गूंज” ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि दिव्यांगता सीमाएं नहीं, संभावनाएं लेकर आती है। इस आयोजन में दिव्यांग बच्चों ने न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में अपने कदमों से समाज को नई दृष्टि भी दी।
संस्था के निदेशक डॉ. महिपाल सिंह ने बताया कि फाउंडेशन का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों का संपूर्ण पुनर्वास कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। उनका मानना है कि उचित चिकित्सा, परामर्श और प्रोत्साहन से ये बच्चे न केवल सामान्य जीवन जी सकते हैं, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा भी बन सकते हैं।
मुख्य अतिथि रहे सांसद डॉ. महेश शर्मा
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा रहे। दीप प्रज्वलन कर उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर संस्था की वार्षिक पत्रिका का विमोचन भी मुख्य अतिथि द्वारा किया गया, जिसे दिव्यांग बच्चों ने स्वयं तैयार किया था। डॉ. महेश शर्मा ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए कहा,
“इस प्रकार के प्रयास न केवल पुनर्वास का कार्य करते हैं, बल्कि समाज में करुणा और समावेश की भावना को भी मजबूत करते हैं।”
दिव्यांग बच्चों की प्रस्तुति ने बांधा समा
शौर्य, सारांश, सौम्या, शीतू, भाविका, ग्रंथ, छायांक, पारुल, अनीशा, ओजिता, रजत, ओशिमा, अशिता सहित कई बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। उन्होंने सेरेब्रल पाल्सी, आर्थ्रोग्रायपोज़िस मल्टीपल कंजेनिटा (AMC) और अन्य चुनौतियों से जूझते हुए जीवन में आगे बढ़ने के संदेश दिए।
डॉ. दीक्षा श्रीवास्तव ने AMC पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह एक जन्मजात स्थिति है और जून माह अंतरराष्ट्रीय AMC जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम में AMC से जुड़े अनुभव साझा किए गए और समाधान के उपायों पर भी चर्चा हुई।
विशेषज्ञों ने रखे विचार
कार्यक्रम के दौरान संस्था की चिकित्सकीय टीम ने विभिन्न विषयों पर जानकारी दी:
डॉ. महिपाल सिंह – फिजियोथेरेपी
डॉ. दीक्षा श्रीवास्तव – ऑक्यूपेशनल थेरापी
डॉ. सुष्मिता भाटी – फिजियोथेरेपी
कृष्णा यादव – स्पीच थेरापी
इलिका रावत – विशेष शिक्षा
डॉ. प्रीति श्रीवास्तव – फिजियोथेरेपी
पूनमा भिजा – विशेष शिक्षा
सम्मान और सराहना
मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी दिव्यांग बच्चों को पुरस्कार और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
साथ ही उपस्थित पुनर्वास चिकित्सकों और विशेषज्ञों को भी उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए स्मृति चिह्न भेंट किए गए।
पुनर्वास के क्षेत्र में सक्रिय अन्य संस्थाएं
इस अवसर पर देशभर से पुनर्वास के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं का भी उल्लेख हुआ, जिन्होंने वर्षों से दिव्यांगजनों को सक्षम बनाने का कार्य किया है, जैसे:
गायत्री पुनर्वास केन्द्र, प्रयागराज
विनसम रिहैब, नोएडा
विनसम स्टेप्स, देहरादून
भागीरथ सेवा संस्थान, गाजियाबाद
प्रकृति आयुर्वेदा, गुड़गांव
कार्यक्रम का समापन एवं धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का संचालन ग्रंथ और सौम्या ने मिलकर किया।
समापन पर डॉ. सुष्मिता भाटी ने सभी गणमान्य अतिथियों, बच्चों, अभिभावकों, चिकित्सकों, मीडिया प्रतिनिधियों और सभी सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से योगदान दिया।
“क्षितिज की गूंज” केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संवेदना, समर्पण और सशक्तिकरण की एक प्रेरक झलक थी।
यह आयोजन उस क्षितिज को छूने की एक कोशिश थी, जहाँ दिव्यांगता कोई बाधा नहीं, बल्कि साहस और संभावना की नई परिभाषा बनती है।