
Arvind Kejriwal: दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) को इस बार करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। दिलचस्प बात यह है कि AAP को जब भी बड़ी जीत मिली, उस दिन शनिवार नहीं था, लेकिन इस बार पहली बार चुनाव परिणाम शनिवार को आया और केजरीवाल के राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी हार भी इसी दिन दर्ज हो गई।
शनिवार को पहली बार AAP का खराब प्रदर्शन
- 2013: 8 दिसंबर (रविवार) – AAP ने 28 सीटें जीतीं।
- 2015: 10 फरवरी (मंगलवार) – AAP ने 67 सीटें जीतीं।
- 2020: 11 फरवरी (मंगलवार) – AAP ने 62 सीटें जीतीं।
- 2022: 10 मार्च (गुरुवार) – पंजाब में AAP को ऐतिहासिक जीत मिली।
- 2022: 7 दिसंबर (बुधवार) – दिल्ली नगर निगम चुनाव में AAP की जीत।
- 2024: पहली बार शनिवार को चुनाव परिणाम आया और AAP को सबसे करारी हार मिली।
वैलेंटाइन वीक भी इस बार नहीं लाया किस्मत
अरविंद केजरीवाल के लिए फरवरी का महीना और खासकर वैलेंटाइन वीक लकी साबित होता रहा है। 2015 और 2020 में उन्हें फरवरी में जबरदस्त जीत मिली थी। लेकिन इस बार जनता ने प्रपोज डे (8 फरवरी) के दिन ही AAP को पूरी तरह से नकार दिया।
शनि के असर की चर्चा क्यों?
- AAP की स्थापना (26 नवंबर 2012) सोमवार को हुई थी और अब तक पार्टी के सभी चुनावी नतीजे सोमवार से शुक्रवार के बीच ही आए थे।
- पहली बार शनिवार को चुनाव परिणाम आया, और पहली बार AAP की हालत इतनी खराब हो गई।
- बड़े नेता तक हार गए – अरविंद केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया, सोमनाथ भारती जैसे दिग्गज भी हार गए।
- AAP का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन – पार्टी 25 के आंकड़े को भी पार नहीं कर पा रही।
केजरीवाल ने हार स्वीकार की
हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने बयान जारी करते हुए कहा कि वे जनता के फैसले का सम्मान करते हैं और हार की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा, “हम सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आए थे।”
अब सवाल उठता है – क्या यह सिर्फ एक राजनीतिक हार है या शनि का प्रकोप?

VIKAS TRIPATHI
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