
पंजाब में किसान आंदोलन एक बार फिर उग्र हो गया है। शंभू-खनोरी बॉर्डर से पुलिस ने जबरन किसानों को हटाया और 300 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया, जिसके बाद नाराज किसानों ने मानावाला टोल प्लाजा बंद कर दिया। उनकी साफ चेतावनी है कि जब तक उनके नेता रिहा नहीं होते, टोल प्लाजा नहीं खुलेगा।
किसान नेताओं ने आम आदमी पार्टी की सरकार को सीधी धमकी देते हुए कहा कि जिस वोट से सरकार बनी थी, उसी विरोध से उसे गिरा देंगे। उधर, कांग्रेस ने इस कार्रवाई पर आप सरकार को घेरा है।
पुलिस ने 13 महीने से बंद बॉर्डर को कराया खाली, किसानों में भारी आक्रोश
बुधवार शाम पंजाब पुलिस ने शंभू और खनोरी बॉर्डर पर डटे किसानों को जबरन हटा दिया। यह बॉर्डर पिछले 13 महीनों से बंद था। पुलिस कार्रवाई के दौरान 300 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया गया, जिससे पूरे पंजाब में रोष फैल गया। इसके विरोध में किसानों ने तुरंत अमृतसर के मानावाला टोल प्लाजा को बंद कर दिया।
किसानों ने ऐलान किया कि जब तक उनके नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, तब तक टोल चालू नहीं होगा। उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी कि चाहे कितना भी बल प्रयोग कर लें, टोल तब तक नहीं खुलेगा जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं।
“अब हमारी वोट से सरकार गिरेगी”— किसानों की दो-टूक चेतावनी
किसान नेताओं ने साफ शब्दों में कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार किसानों की वोटों से बनी थी, लेकिन अब उन्हीं किसानों के विरोध से गिरेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, “हम लोग शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पुलिस जानबूझकर हुल्लड़बाजी कर रही है। एक तरफ का रास्ता खुला हुआ है ताकि आम लोगों को दिक्कत न हो। फिर भी सरकार दमनकारी नीति अपना रही है।”
पुलिस की सफाई— “किसानों को चेतावनी के बाद हटाया”
पटियाला के एसएसपी ने इस पूरी कार्रवाई पर सफाई देते हुए कहा कि किसानों को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में चेतावनी दी गई थी। इसके बाद ही उन्हें वहां से हटाया गया। उन्होंने दावा किया कि अधिकतर किसान खुद ही जाने के लिए तैयार थे, इसलिए उन्हें बसों में बैठाकर भेज दिया गया।
एसएसपी ने बताया कि हरियाणा पुलिस भी अपनी ओर से रास्ता खोलने की कार्रवाई कर रही है। जैसे ही वहां का रास्ता साफ होगा, हाईवे पर यातायात फिर से शुरू हो जाएगा।
कांग्रेस ने साधा AAP सरकार पर निशाना
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि जब चुनाव के समय किसानों की जरूरत थी तो AAP ने उनके साथ खड़े होने का दिखावा किया, लेकिन अब वही सरकार किसानों पर पुलिसिया कार्रवाई कर रही है।
कुल मिलाकर, पंजाब में किसान आंदोलन फिर से गरमा गया है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार किसानों की मांगें मानती है या टकराव और बढ़ता है।

VIKAS TRIPATHI
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