Sunday, July 6, 2025
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सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स पर लगेगी लगाम! केंद्र सरकार लाएगी ‘कोड ऑफ कंडक्ट’

भौंडे कंटेंट पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सरकार की कार्रवाई, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को करनी होगी रेटिंग और डिस्क्लेमर की अनिवार्यता

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ती अश्लीलता, अभद्रता और भौंडे कंटेंट पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ जारी करने की तैयारी कर रहा है। इस कोड के तहत 5 लाख से 50 लाख फॉलोअर्स वाले इंफ्लूएंसर्स को अपनी पोस्ट की रेटिंग देनी होगी और डिस्क्लेमर जारी करना अनिवार्य होगा, ठीक वैसे ही जैसे फिल्मों में हिंसक दृश्यों या नशीली वस्तुओं को लेकर चेतावनी दी जाती है।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद सरकार हरकत में

हाल ही में रणवीर इलाहाबदिया के विवादित कंटेंट और ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि भौंडे कंटेंट पर रोक लगाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? कोर्ट की इस फटकार के बाद सरकार अब सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स पर नए नियम लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।

क्या होंगे कोड ऑफ कंडक्ट के नियम?

सूत्रों के मुताबिक, इस कोड ऑफ कंडक्ट के तहत निम्नलिखित नियम लागू किए जाएंगे—

पोस्ट पर रेटिंग अनिवार्य: कंटेंट को 1 से 5 तक की रेटिंग दी जाएगी, जिससे अश्लीलता, फूहड़ता और अभद्रता का स्तर तय किया जा सके।
डिस्क्लेमर जरूरी: अगर कंटेंट में वयस्क या संवेदनशील विषय होंगे, तो इंफ्लूएंसर को पहले से डिस्क्लेमर देना होगा।
सख्त कार्रवाई: 50 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स वाले इंफ्लूएंसर्स के लिए कोई रियायत नहीं होगी, और शिकायतों पर पुलिस व प्रशासन तुरंत कार्रवाई करेंगे।
कानूनी दंड: पहली गलती पर चेतावनी, दूसरी पर जुर्माना और तीसरी बार कानूनी कार्रवाई का प्रावधान होगा।

सरकार की तैयारी और नए कानून पर काम

सरकार सोशल मीडिया और ओटीटी कंटेंट को लेकर पहले से ही कई स्तरों पर सख्त नियम बनाने में जुटी है। इनमें शामिल हैं—

🔹 OTT प्लेटफॉर्म के लिए स्व-नियामक निकायों के लिए एडवाइजरी
🔹 डिजिटल इंडिया विधेयक का मसौदा तैयार करना
🔹 डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून-2023 के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया के अश्लील कंटेंट से बचाने के लिए नए नियम लागू करना

सूत्रों के अनुसार, आईटी मंत्रालय पिछले 15 महीनों से डिजिटल इंडिया बिल पर काम कर रहा है, जो सोशल मीडिया यूजर्स, यूट्यूबर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करेगा। इस बिल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गवर्नेंस की भी व्यवस्था की जाएगी।

क्यों जरूरी है यह कानून?

संसदीय समिति और सुप्रीम कोर्ट सोशल मीडिया पर फैल रही अश्लीलता और अभद्र कंटेंट को लेकर पहले भी चिंता जता चुके हैं। केंद्र सरकार को अब सुप्रीम कोर्ट को जवाब देना है कि सोशल मीडिया पर मजाक के नाम पर बढ़ते भौंडेपन पर वह क्या कार्रवाई कर रही है।

सरकार का यह नया कदम सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए जवाबदेही तय करेगा और ऑनलाइन कंटेंट की गुणवत्ता सुधारने में मददगार साबित हो सकता है।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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