Tuesday, August 5, 2025
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मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ बोले – “शायद मैं सबसे अधिक ट्रोल होने वाला जज हूं”

भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के विदाई समारोह में कहा कि वह शायद “पूरी न्याय व्यवस्था में सबसे अधिक ट्रोल किए जाने वाले न्यायाधीशों में से एक” हैं।

शायरी से दिया ट्रोलर्स को जवाब

सीजेआई चंद्रचूड़ ने आलोचना और ट्रोलिंग का जवाब देते हुए बशीर बद्र की एक मशहूर शायरी का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मुखालिफ से मेरी शक्सियत सवारती है, मैं दुश्मनों का बुरा करता हूं”, जिसका अर्थ है कि “विरोध मेरे व्यक्तित्व को और निखारता है और मैं उनका सम्मान करता हूं।”

इसके बाद उन्होंने हल्के अंदाज में कहा, “सोमवार से मेरे ट्रोलर्स बेरोजगार हो जाएंगे।” यह टिप्पणी सुनकर सभा में हंसी छा गई।

सेवानिवृत्ति से पहले की बातें

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ रविवार, 10 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “हमने जो बदलाव किए हैं, वे इस विश्वास के साथ किए गए हैं कि सूरज की रोशनी सबसे अच्छा कीटाणुनाशक है।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अपने निजी जीवन को सार्वजनिक चर्चा के सामने लाने से उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा, खासकर सोशल मीडिया के दौर में।

पिता की सलाह का उल्लेख

सीजेआई ने अपने पिता, वाईवी चंद्रचूड़ (जो स्वयं भी सीजेआई रह चुके हैं), के साथ हुई एक बातचीत को याद किया। उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने पुणे में एक छोटा सा फ्लैट खरीदा था। मैंने उनसे पूछा कि आप वहां क्यों फ्लैट खरीद रहे हैं? उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं वहां कब रह पाऊंगा, लेकिन एक काम करो — जज के तौर पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक इसे अपने पास रखो।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर कभी भी आपकी नैतिक या बौद्धिक अखंडता से समझौता होता है, तो मैं चाहता हूं कि आपको पता हो कि आपके पास सिर छुपाने के लिए एक छत है। एक वकील या जज के तौर पर कभी भी अपनी ईमानदारी से समझौता मत करना।”

न्यायाधीशों की सीमाएं

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायाधीशों की अपनी सीमाएं होती हैं और कुछ अन्याय कानून के दायरे में होते हैं, जबकि कुछ इससे बाहर। उन्होंने कहा, “ऐसे मामलों में न्यायाधीश को नेतृत्व प्रदान करना पड़ता है।”

यह विदाई समारोह न्यायपालिका के प्रति उनके समर्पण, नैतिकता और दृढ़ विश्वास को दर्शाता है, जिसने उन्हें एक साहसी और प्रगतिशील न्यायाधीश के रूप में स्थापित किया।

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VIKAS TRIPATHI
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