
CAG Report Sparks Controversy Ahead of Delhi Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल सरकार पर संकट गहराता दिख रहा है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस नीति के कारण सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। इस खुलासे ने पहले से चल रहे शराब घोटाले को लेकर उठ रहे सवालों को और तेज कर दिया है।
क्या है CAG रिपोर्ट का मामला?
CAG की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार की 2021-22 की नई आबकारी नीति में कई खामियां थीं। आरोप है कि इस नीति को लागू करते समय नियमों का पालन नहीं किया गया और शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर रियायतें दी गईं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि नीति बनाने और लागू करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव था, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ।
CAG ने विशेष रूप से ध्यान दिलाया कि शराब की लाइसेंस फीस को कम करके कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया। इसके अलावा, ठेकों के आवंटन में भी अनियमितताएं पाई गईं।
शराब घोटाले की गूंज फिर तेज
CAG रिपोर्ट ने दिल्ली में पहले से ही चर्चा में चल रहे शराब घोटाले को और अधिक तूल दे दिया है। विपक्ष पहले से ही आरोप लगा रहा था कि आबकारी नीति के जरिए शराब माफिया को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई। अब इस रिपोर्ट के बाद विपक्ष ने केजरीवाल सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं।
भाजपा और कांग्रेस ने इस रिपोर्ट के आधार पर सीएम अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि यह घोटाला केवल भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि यह जनता के पैसे की लूट है।
केजरीवाल सरकार की सफाई
विवाद बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार ने CAG रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सरकार ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि आबकारी नीति का उद्देश्य भ्रष्टाचार को रोकना और राजस्व में बढ़ोतरी करना था। सरकार ने कहा कि विपक्ष केवल चुनाव से पहले माहौल खराब करने के लिए इस मुद्दे को उठा रहा है।
चुनाव पर क्या असर होगा?
CAG रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब दिल्ली में चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इस खुलासे ने आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए चुनावी रणनीति को मुश्किल बना दिया है। विरोधी दल इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर AAP सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
जनता की प्रतिक्रिया
CAG रिपोर्ट के बाद जनता के बीच भी इस मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कई लोग सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, केजरीवाल सरकार के समर्थक इसे विपक्ष का षड्यंत्र करार दे रहे हैं।
आगे क्या होगा?
CAG रिपोर्ट ने चुनावी माहौल को गर्मा दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली सरकार इस मामले में अपनी छवि को कैसे बचाती है और विपक्ष इस मुद्दे को चुनाव में कितना भुनाता है।
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