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Budget 2025 भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश कर दिया है, जिसमें आम करदाताओं, किसानों, उद्यमियों और विभिन्न उद्योगों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। इस बजट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में राहत के साथ-साथ कृषि, एमएसएमई, स्टार्टअप, बुनियादी ढांचा और शहरी विकास को नई दिशा देने के प्रयास किए गए हैं। आइए जानते हैं बजट की प्रमुख बातें—
आम जनता को मिली कर में बड़ी राहत
इस बार के बजट में सरकार ने आयकर दाताओं को बड़ी राहत दी है। नई कर व्यवस्था के तहत ₹12 लाख तक की आय पर अब कोई कर नहीं लगेगा। इसके अलावा, कर स्लैब को और सरल बनाते हुए निम्नलिखित दरें लागू की गई हैं—
• ₹4 लाख तक – कोई कर नहीं
• ₹4 से ₹8 लाख तक – 5%
• ₹8 से ₹12 लाख तक – 10%
• ₹12 से ₹16 लाख तक – 15%
• ₹16 से ₹20 लाख तक – 20%
• ₹20 से ₹24 लाख तक – 25%
• ₹24 लाख से अधिक – 30%
इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत देते हुए ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दी गई है। वहीं, अब करदाता दो स्व-निवासित संपत्तियों के वार्षिक मूल्य को शून्य घोषित कर सकते हैं, जबकि पहले केवल एक संपत्ति को यह छूट मिलती थी।
कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए नए कदम
किसानों की आय बढ़ाने और कृषि उत्पादकता में सुधार लाने के लिए सरकार ने कई नई योजनाएँ लागू करने की घोषणा की है—
• धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 कम उत्पादन वाले जिलों में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा।
• राष्ट्रीय खाद्य तेल और बीज मिशन के तहत भारत को खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
• दालों में आत्मनिर्भरता के लिए छह वर्षीय योजना शुरू की गई है, जिसमें केंद्र सरकार तूर, उड़द और मसूर की खरीद करेगी।
• मखाना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी।
• किसान क्रेडिट लोन योजना में ऋण आय सीमा को ₹5 लाख तक बढ़ाया गया है।
• असम में नया यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी।
स्टार्टअप्स और MSME के लिए नई योजनाएँ
स्टार्टअप और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं—
• MSME के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है, जिससे लघु उद्योगों को आसानी से ऋण मिल सकेगा।
• स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी सीमा को बढ़ाकर ₹20 करोड़ कर दिया गया है।
• बिहार में खाद्य प्रसंस्करण संस्थान स्थापित किया जाएगा, जिससे कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
• गैर-चमड़ा फुटवियर उद्योग के लिए नई योजना लाई गई है, जिसमें डिजाइन, घटक निर्माण और मशीनरी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बुनियादी ढाँचे और शहरी विकास को नई रफ्तार
शहरों को अधिक विकसित बनाने और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सरकार ने कई बड़े ऐलान किए हैं—
• अगले तीन वर्षों में देशभर के जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
• शहरी विकास के लिए ₹1 लाख करोड़ का शहरी चुनौती कोष बनाया गया है, जिससे शहरों को गतिशील विकास केंद्रों में बदला जाएगा।
• बिजली वितरण सुधारों के तहत राज्यों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
• शिपबिल्डिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता योजना फिर से शुरू की गई है।
• पीएम गतिशक्ति पहल के तहत निजी क्षेत्र को बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए जरूरी डेटा और मानचित्रों तक पहुँच दी जाएगी।
• राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन से भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
व्यापार और उद्योगों को राहत
• निर्यात संवर्धन मिशन के तहत भारत के निर्यात को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है।
• घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को मज़बूत करने के लिए रोजगार और बुनियादी ढाँचे पर जोर दिया गया है।
• हवाई कार्गो सुविधाओं में सुधार किया जाएगा, जिससे नाशवंत कृषि उत्पादों के निर्यात में तेजी आएगी।
इस बजट में आम जनता को करों में बड़ी राहत दी गई है, वहीं कृषि, उद्योग, MSME और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में भी बड़े निवेश की घोषणाएँ की गई हैं। सरकार के इन कदमों से देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलने की उम्मीद है।
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VIKAS TRIPATHI
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