पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के लाखों शिक्षा विभाग कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार सुबह अपने सोशल मीडिया हैंडल पर उन्होंने घोषणा की कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने वाले रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय को दोगुना किया जाएगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा में क्या कहा गया?
सीएम नीतीश कुमार ने कहा:“शिक्षा विभाग में कार्यरत रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में सराहनीय योगदान दिया है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हमने इन कर्मियों के मानदेय को सम्मानजनक रूप से दोगुना करने का निर्णय लिया है।“
शिक्षा व्यवस्था में नीतीश सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड
सीएम ने यह भी बताया कि नवंबर 2005 में जब उनकी सरकार बनी थी, तब शिक्षा का वार्षिक बजट मात्र 4366 करोड़ रुपए था, जो आज बढ़कर 77690 करोड़ रुपए हो चुका है। इस दौरान न सिर्फ लाखों शिक्षकों की नियुक्ति, बल्कि नए स्कूल भवनों के निर्माण और आधारभूत संरचना में भी व्यापक विकास हुआ है।
मानदेय में कितनी हुई वृद्धि?
सरकार द्वारा घोषित नई दरें इस प्रकार हैं:
मिड-डे मील रसोइयों का मानदेय: ₹1650 → ₹3300 प्रति माह
माध्यमिक और उच्च विद्यालयों के रात्रि प्रहरी: ₹5000 → ₹10000 प्रति माह
शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक: ₹8000 → ₹16000 प्रति माह
इनके वार्षिक वेतन में भी वृद्धि की गई है: ₹200 → ₹400 प्रति वर्ष
मजदूरों का मनोबल बढ़ेगा
राज्य सरकार का कहना है कि इस निर्णय से शिक्षा विभाग के निचले स्तर पर कार्यरत कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा और वे पहले से कहीं अधिक उत्साह, निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
राजनीतिक संदेश भी साफ़
नीतीश कुमार का यह फैसला एक ओर जहां शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कदम है, वहीं दूसरी ओर यह आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जनसमर्थन जुटाने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।














