
Bangladesh: जो बांग्लादेश कल तक भारत पर आरोपों की बौछार कर रहा था, वही आज भारत से मुलाकात की भीख मांग रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए बांग्लादेश भारत के सामने गिड़गिड़ा रहा है। मगर मजे की बात ये है कि भारत की तरफ से अब तक कोई हामी नहीं भरी गई।
“हमें बचा लो मोदी जी!” – बांग्लादेश की पुकार
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस अब भारत से द्विपक्षीय बैठक की गुजारिश कर रहे हैं। 2-4 अप्रैल को बैंकॉक में होने वाले BIMSTEC समिट में यूनुस और मोदी के बीच मुलाकात की रिक्वेस्ट बांग्लादेश ने भारत को भेजी है। लेकिन भारत ने अब तक ‘हां’ कहना जरूरी नहीं समझा।
👉 कल तक भारत को कठघरे में खड़ा करने वाला बांग्लादेश
👉 अब भारत के साथ बातचीत के लिए तड़प रहा है!
“पहले चीन, फिर पाकिस्तान… अब भारत याद आया?”
28 मार्च को मोहम्मद यूनुस चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं।
🔹 बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद यूनुस की झुकाव चीन और पाकिस्तान की ओर ज्यादा था।
🔹 अब जब हालात खराब हुए तो भारत के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं।
🔹 भारत इस मुलाकात पर पैनी नजर बनाए हुए है—देखना दिलचस्प होगा कि यूनुस अब क्या खेल खेलते हैं!
बदल गए सुर, अब गिड़गिड़ाने की नौबत!
यूनुस वही नेता हैं जिन्होंने—
❌ भारत पर आरोप लगाए
❌ शेख हसीना के खिलाफ बयान दिए
❌ पाकिस्तान और चीन से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की
मगर अब जैसे ही मुश्किलें बढ़ीं, यूनुस के सुर बदल गए! अब वो कह रहे हैं कि—
🛑 “अवामी लीग पर बैन का कोई प्लान नहीं है”
🛑 “शेख हसीना को लेकर भारत पर लगाए आरोप भूल जाइए”
🛑 “हमें मोदी जी से मिलने दो, हमारे लिए रास्ता निकालो”
“भारत से दुश्मनी भारी पड़ी?”
बांग्लादेश की भारत-विरोधी नीति का नतीजा अब उनके सामने है।
➡️ पहले भारत से टकराने की कोशिश की
➡️ फिर चीन और पाकिस्तान से दोस्ती का हाथ बढ़ाया
➡️ अब जब हालात बिगड़ गए तो भारत की तरफ रेंग रहे हैं
मोदी सरकार का रुख क्या होगा?
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या मोदी सरकार यूनुस की इस ‘बातचीत की तड़प’ को तवज्जो देगी?
या फिर बांग्लादेश को उसके ही खेल में मात मिलेगी?
👉 बांग्लादेश भारत से दोस्ती चाहता है, लेकिन क्या भारत उसे माफ करेगा?

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।