Maharashtra News: मुंबई पुलिस ने मंगलवार (3 दिसंबर) को विशेष मकोका अदालत को बताया कि 12 नवंबर को हुई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई का हाथ है। पुलिस ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामले की जांच करते हुए आठ आरोपियों की हिरासत मांगी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।
अनमोल बिश्नोई का नाम कैसे आया सामने?
पुलिस के मुताबिक, अनमोल बिश्नोई ने अन्य आरोपियों को आर्थिक सहायता दी और हत्या की साजिश रचने में अहम भूमिका निभाई। जांच में यह भी सामने आया है कि उसने एक विशेष ऐप के जरिए सह-आरोपियों से संपर्क किया। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वित्तीय मदद कहां से आ रही थी और इसका उपयोग कैसे किया गया।
अब तक 26 आरोपी गिरफ्तार
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने इस हत्याकांड में अब तक 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य हमलावर शिवकुमार गौतम भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि साजिश के कई पहलुओं की अभी जांच होनी बाकी है, जिसके लिए आरोपी की हिरासत जरूरी है।
वकीलों ने किया हिरासत का विरोध
आरोपियों की ओर से वकील रूपेश जायसवाल, अजिंक्य मिर्गल और दिलीप शुक्ला ने पुलिस हिरासत का विरोध किया। वकीलों ने तर्क दिया कि आरोपी पहले ही 40 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मकोका के प्रावधान लागू नहीं होते क्योंकि उनके नाम पहले किसी मामले में नहीं आए थे। वकीलों ने यह भी कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि आरोपी किसी संगठित गिरोह का हिस्सा हैं।
अदालत का फैसला
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष मकोका अदालत के न्यायाधीश ए.एम. पाटिल ने आठ आरोपियों को 7 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया, जबकि बाकी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
इस मामले में अनमोल बिश्नोई और शुभम लोनकर अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
VIKAS TRIPATHI
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