समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान की सुरक्षा एक बार फिर से ‘वाई-श्रेणी’ में बहाल कर दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार से उनकी सुरक्षा में गार्ड और गनर फिर से तैनात कर दिए हैं।
इससे पहले, अदालत से दोषी करार दिए जाने के बाद आज़म ख़ान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी और सरकार ने यह कहते हुए उनकी सुरक्षा वापस ले ली थी कि अब इसकी आवश्यकता नहीं है।
क्या है वाई-श्रेणी सुरक्षा?
‘वाई-श्रेणी’ सुरक्षा में किसी वीआईपी को तीन सशस्त्र गनर और कई सुरक्षाकर्मी दिए जाते हैं, जो 24 घंटे उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। आज़म ख़ान को यह सुरक्षा पहले भी दी गई थी, लेकिन 2022 में उनकी सजा और अयोग्यता के बाद इसे हटा दिया गया था।
23 महीने बाद जेल से रिहाई, फिर से बढ़ी गतिविधियां
आज़म ख़ान ने 2022 के विधानसभा चुनाव में रामपुर सीट से लगातार दसवीं बार जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था।
अक्टूबर 2022 में उन्हें भड़काऊ भाषण के एक पुराने मामले में तीन साल की सज़ा सुनाई गई थी, जिसके चलते विधानसभा सचिवालय ने उन्हें सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था। लगभग 23 महीने जेल में रहने के बाद हाल ही में उन्हें जमानत मिल गई है।
राजनीतिक हलचल और सुरक्षा बहाली का फैसला
रिहाई के बाद आज़म ख़ान से समर्थकों और पार्टी नेताओं की मुलाकातों का सिलसिला जारी है।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी उनसे मुलाकात कर योगी सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ मामले राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हैं।
इन बढ़ती गतिविधियों और भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने उनकी सुरक्षा को लेकर समीक्षा की और वाई-श्रेणी सुरक्षा फिर से बहाल कर दी। शनिवार को उनके आवास पर गार्ड और गनर दोबारा तैनात कर दिए गए।
प्रशासन का रुख
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने माना कि आज़म ख़ान की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता और सार्वजनिक मुलाकातों को देखते हुए उनकी सुरक्षा को लेकर खतरे की संभावना है। इसी आधार पर प्रशासन ने पुरानी सुरक्षा व्यवस्था को फिर से लागू करने का निर्णय लिया।
23 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म ख़ान अब एक बार फिर राजनीतिक रूप से सक्रिय हो रहे हैं। उनकी सुरक्षा की बहाली इस बात का संकेत है कि उत्तर प्रदेश की सियासत में आज़म ख़ान की भूमिका अभी समाप्त नहीं हुई है — बल्कि शायद एक नई पारी की शुरुआत हो चुकी है।