
नई दिल्ली – दिल्ली में सत्ता गंवाने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पहली बार पंजाब दौरे पर जा रहे हैं। वह मंगलवार (आज) को 10 दिवसीय विपश्यना सत्र के लिए होशियारपुर रवाना होंगे। AAP सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल 5 मार्च से 15 मार्च तक ध्यान शिविर में शामिल रहेंगे। इससे पहले दिसंबर 2023 में भी उन्होंने आनंदगढ़ स्थित धम्म धजा विपश्यना केंद्र में इसी तरह का सत्र किया था।
दिल्ली चुनाव हारने के बाद पहली बार सार्वजनिक उपस्थिति
दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से केजरीवाल सार्वजनिक रूप से कम ही नजर आए हैं। 5 फरवरी को हुए चुनाव में वह खुद अपनी पारंपरिक नई दिल्ली सीट से हार गए थे। इसके बाद से उन्होंने पार्टी से जुड़ी गतिविधियों तक ही अपनी भूमिका सीमित रखी है।
AAP का दिल्ली में पतन: 22 सीटों पर सिमटी पार्टी
AAP, जिसने 2015 से लगातार दिल्ली में शासन किया, इस बार मात्र 22 सीटों पर सिमट गई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 70 में से 48 सीटें जीतकर दिल्ली में नया राजनीतिक संतुलन स्थापित कर दिया। इस चुनाव में मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन और सोमनाथ भारती जैसे कई बड़े AAP नेता अपनी सीटें गंवा बैठे।
पंजाब दौरा क्यों अहम?
केजरीवाल का यह पंजाब दौरा कई राजनीतिक अटकलों के बीच हो रहा है। कांग्रेस लगातार दावा कर रही है कि AAP के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। हालांकि, AAP ने इन दावों को खारिज कर दिया है और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को हटाने जैसी अफवाहों को भी निराधार बताया है।
दिल्ली में संगठनात्मक बदलाव की तैयारी
AAP अपनी हालिया हार की समीक्षा करते हुए दिल्ली संगठन में बदलाव की तैयारी कर रही है। पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा है कि आगामी दिनों में उन्हीं नेताओं को संगठन में प्रमुख जिम्मेदारी दी जाएगी, जिन्होंने चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है।
केजरीवाल का यह विपश्यना सत्र उनके राजनीतिक भविष्य और AAP की रणनीति को लेकर क्या नए संकेत देता है, इस पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।