अहमदाबाद, 12 जून 2025 — भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक में, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 272 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 229 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। यह हादसा अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही पलों बाद हुआ, जब विमान मेघानीनगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया।
विमान में आग लग गई और आसपास का इलाका धुएं से भर गया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, टेकऑफ के करीब 30 सेकंड के भीतर ही विमान ने ATC को ‘मेडे’ कॉल दिया था, लेकिन उसके तुरंत बाद संपर्क टूट गया।
डीएनए परीक्षण के ज़रिए शवों की पहचान, सरकार कर रही हरसंभव मदद
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा,
“हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की कहानियाँ बेहद मार्मिक हैं। हमने एयर इंडिया को निर्देश दिया है कि वह पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता दे। शवों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण किए जा रहे हैं ताकि जल्द से जल्द उन्हें परिजनों को सौंपा जा सके।”
उन्होंने बताया कि गुजरात सरकार इस पूरी प्रक्रिया में केंद्र सरकार के साथ समन्वय कर रही है, और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रोटोकॉल और दस्तावेजी प्रक्रिया का पालन करते हुए किसी प्रकार की लापरवाही न हो।
सुरक्षा मानकों की समीक्षा, DGCA करेगा 787 विमानों की विशेष जांच
मंत्री नायडू ने बताया कि भारत में विमानन सुरक्षा के कड़े मानक हैं, लेकिन इस हादसे ने सुरक्षा निगरानी को और सख्त करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
“DGCA ने Boeing 787 Dreamliner विमान श्रृंखला की विशेष सुरक्षा समीक्षा का आदेश दिया है। भारतीय एयरलाइंस के पास ऐसे 34 विमान हैं, जिनमें से 8 की जांच पहले ही हो चुकी है और शेष की तत्काल जांच की जाएगी।”
टाटा समूह ने बढ़ाया मदद का हाथ: हर परिवार को मिलेगा ₹1 करोड़ मुआवजा
एयर इंडिया के मालिक टाटा समूह ने इस हादसे पर संवेदना प्रकट करते हुए प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹1 करोड़ की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। साथ ही, घायल यात्रियों का पूरा चिकित्सा खर्च भी टाटा समूह वहन करेगा।
एक चमत्कार: हादसे में सिर्फ एक यात्री जीवित बचा
पूरे हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री हैं लंदन निवासी विश्वास कुमार रमेश, जो 11A सीट पर बैठे थे। हादसे के बाद वे विमान की खिड़की के टूटे हुए हिस्से से बाहर निकलने में सफल रहे। उन्हें मामूली जलन और चोटें आईं और उनकी हालत अब स्थिर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल जाकर विश्वास कुमार से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस मानवीय पहलू ने पूरे देश को एक भावनात्मक जुड़ाव का क्षण दिया।
जांच जारी, हर पहलू की गहन समीक्षा
DGCA, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) और Boeing कंपनी की तकनीकी टीमें मिलकर इस दुर्घटना की गहन जांच कर रही हैं। विमान के ब्लैक बॉक्स को विश्लेषण के लिए भेजा गया है, और तकनीकी कारणों, मानवीय भूल, मौसमीय प्रभाव सहित सभी संभावित कारणों की विस्तृत समीक्षा की जा रही है।
राष्ट्रीय शोक और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हादसे ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी झकझोर दिया है। ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों ने शोक व्यक्त किया है। भारत सरकार ने इस त्रासदी के मद्देनज़र राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और अहमदाबाद सहित सभी हवाई अड्डों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को और कड़ा कर दिया गया है।
एक देश शोक में, लेकिन मदद और मानवता की लौ जल रही है
यह हादसा हमारे हवाई सुरक्षा ढांचे की गंभीर परीक्षा है, लेकिन साथ ही यह मानवीय संवेदना, प्रशासनिक तत्परता और कॉरपोरेट जवाबदेही का भी उदाहरण है। देश शोक में है, लेकिन विश्वास कुमार की जीवित बची कहानी, राहत कार्यों में जुटे प्रशासन, और पीड़ित परिवारों की मदद को आगे आए टाटा समूह की घोषणाएं, यह साबित करती हैं कि हम मुश्किल वक्त में भी साथ खड़े हैं।