
गुजरात, 28 अप्रैल 2025 —
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर देशभर में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू हो गई है। इसी क्रम में गुजरात पुलिस ने अब तक 6,500 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है।
गुजरात के डीजीपी विकास सहाय ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि अहमदाबाद में तलाशी अभियान के दौरान 890 और सूरत से 145 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें से कुल 450 लोग बांग्लादेशी नागरिक निकले, जो अवैध रूप से गुजरात में रह रहे थे। हिरासत में ली गई इन व्यक्तियों में महिलाएं भी शामिल हैं।
डीजीपी ने बताया कि इन बांग्लादेशी नागरिकों को जल्द ही केंद्रीय एजेंसियों के समन्वय से उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही आगंतुक वीजा पर गुजरात आए सात पाकिस्तानी नागरिकों को भी वीजा रद्द कर देश से वापस भेजा गया है।
राज्यभर में सघन तलाशी अभियान
राज्य के विभिन्न जिलों — राजकोट, महिसागर, सूरत और चंदोला — में भी बड़े पैमाने पर छापेमारी कर अवैध रूप से रह रहे नागरिकों को हिरासत में लिया गया है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि जो भी विदेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं, वे स्वेच्छा से आत्मसमर्पण कर लें, अन्यथा उन्हें पकड़कर निर्वासित कर दिया जाएगा।
मंत्री संघवी ने यह भी कहा कि जो लोग अवैध अप्रवासियों को पनाह दे रहे हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच में यह भी सामने आया है कि कई अप्रवासियों ने पश्चिम बंगाल से फर्जी दस्तावेज बनवाकर गुजरात में बसने की कोशिश की थी। इनमें से कुछ मादक पदार्थों की तस्करी और मानव तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों में भी लिप्त पाए गए हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया है। भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 के ऐतिहासिक सिंधु जल समझौते को भी निलंबित कर दिया है। यह फैसला दोनों देशों के संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
देशभर में चल रही इस मुहिम से अवैध प्रवासियों और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने की दिशा में सरकार ने बड़ा संदेश दिया है। गुजरात में उठाए गए त्वरित कदमों से अन्य राज्यों को भी सख्ती से कार्रवाई करने के संकेत मिल रहे हैं।